Get App

ChatGPT: शेयर बाजार में कहां लगाएं दांव? ChatGPT ने दिए ये जवाब

ChatGPT:जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के उदय के साथ की खुदरा निवेशकों के लिए एक बार फिर से बड़ा बदलाव दहलीज पर दस्तक दे रहा है। "कोई भी नई तकनीक किसी जादू से कम नहीं होती"। अपनी साइंस फैंटेसी के लिए प्रसिद्ध आर्थर सी क्लार्क ने ये बात 1962 में कही थी जो आज भी सही है। यहां हम एक ऐसे ही एक नए तकनीकी प्लेटफॉर्म की बात कर रहे हैं जो किसी जादूगर की तरह ही सबको चमत्कृत कर रहा है

Edited By: Sudhanshu Dubeyअपडेटेड Jun 17, 2023 पर 1:43 PM
ChatGPT: शेयर बाजार में कहां लगाएं दांव? ChatGPT ने दिए ये जवाब
निष्कर्ष के तौर पर हम कह सकते हैं कि हमें अपने स्टॉक सेलेक्शन में चैट जीपीटी की ही वो सलाह माननी चाहिए जिसमें वो कहता है कि एक एआई लैंग्वेज मॉडल के तौर पर वो किसी गारंटीशुदा रिटर्व वाले फाइनेंशियल निवेश की सलाह नहीं दे सकता

ChatGPT: कंप्यूटर आने से पहले के दिनों में लंदन के कुछ जाने-माने स्टॉक ब्रोकिंग प्रतिष्ठानों में अपने करियर की शुरुआत करने वाले युवाओं के हाथ में काम शुरू करने के शुरुआती दिनों में एक बड़ी ब्लू बुक और कैलकुलेटर होते थे। इस के बावजूद अगर ट्रेनी नौजवान कैलकुलेटर का उपयोग करते हुए पकड़े जाते तो फ्लोर पर काम करने वाले कठोर और अनुभवी ट्रेडरों से उनको फटकार लग जाती थी। इसका मूल मंत्र ये था कि अगर सफल ट्रेडर बनाना है तो आंकड़ों से खेलना सीखो और उनके विश्लेषण के लिए ब्लेड के धार जैसा पैना दिमाग विकसित करो। लेकिन बाजार में कंप्यूटर के आते ही ये सारे सिद्धांत अतीत के तहखाने में समा गए। एक कंप्यूटर टर्मिनल कुछ सेकेंड में ही तमाम डेटा और लाखों ट्रेड करने में सक्षम था। सिर्फ कैलकुलेटर और ब्लू बुक ही नहीं, कंप्यूटर ने इंसानों को भी ट्रेडिंग फ्लोर पर गैरजरूरी बना दिया।

जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के उदय के साथ की खुदरा निवेशकों के लिए एक बार फिर से ऐसा ही बड़ा बदलाव दहलीज पर दस्तक दे रहा है। "कोई भी नई तकनीक किसी जादू से कम नहीं होती"। अपनी साइंस फैंटेसी के लिए प्रसिद्ध आर्थर सी क्लार्क ने ये बात 1962 में कही थी जो आज भी सही है। यहां हम एक ऐसे ही एक नए तकनीकी प्लेटफॉर्म की बात कर रहे हैं जो किसी जादूगर की तरह ही सबको चमत्कृत कर रहा है। चैटजीपीटी, बार्ड, डल-ई, मिडजर्नी और कई दूसरे जनरेटिव एआई टूल इस समय सुर्खियों में छाए हुए हैं। ये टूल लोगों में भय और आश्चर्य की मिश्रित भावना का भी संचार कर रहे हैं।

कुछ शुरुआती उपयोगकर्ता और शोधकर्ता इन एआई आधारित टूल्स का इस्तेमाल समाचार रिपोर्टों, यूएस फेड की घोषणाओं और स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग का विश्लेषण करने के लिए कर रहे हैं। इसके प्रारंभिक परिणाम उत्साहजनक रहे हैं।

लेकिन जब भारतीय संदर्भ में स्टॉक-पिकिंग की बात आती है तो एआई कैसा प्रदर्शन करता है? और क्या निवेशक इस डिजिटल ब्लैक बॉक्स पर भरोसा कर सकते हैं? मनीकंट्रोल ने अपने स्तर पर ये जानने की कोशिश की है।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें