Avenue Supermarts Share Price: हायपरमार्केट चेन डी मार्ट (D-Mart) की पैरेंट कंपनी एवेन्यू सुपरमार्ट्स के शेयरों में आज बिकवाली का भारी दबाव दिखा। बिकवाली के दबाव में यह 9 फीसदी से अधिक टूट गया जो जनवरी 2019 के बाद से इसके शेयरों में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है। निचले स्तर पर कुछ खरीदारी तो हुई लेकिन अब भी यह भारी दबाव में है। फिलहाल BSE पर यह 8.35 फीसदी की गिरावट के साथ 4190.70 रुपये के भाव पर है। इंट्रा-डे में यह 9.38 फीसदी टूटकर 4143.60 रुपये के भाव तक आ गया था। पिछले साल 25 अक्टूबर 2023 को यह एक साल के निचले स्तर 3618.85 रुपये और पिछले महीने 24 सितंबर 2024 को यह एक साल के हाई 5484.00 रुपये पर था।
क्यों धड़ाम हुए Avenue Supermarts के शेयर?
वैश्विक ब्रोकरेज फर्म जेपीमॉर्गन का कहना है कि कंपनी के लिए सितंबर तिमाही उसकी उम्मीद से कमजोर रही। जेपीमॉर्गन ने इसकी रेटिंग डाउनग्रेड कर ओवरवेट से न्यूट्रल कर दी है और इसका टारगेट प्राइस 5400 रुपये से घटाकर 4700 रुपये कर दिया है। इसके बड़े मेट्रो स्टोर्स को ऑनलाइन कॉम्पटीशन दिख रहा है जिसके चलते ऑपरेटिंग मार्जिन को झटका लगा है। मॉर्गन स्टैनले ने भी इसकी रेटिंग को डाउनग्रेड कर अंडरवेट कर दी है और टारगेट प्राइस घटाकर 3,702 रुपये कर दिया। ब्रोकरेज के मुताबिक मैनेजेमेंट ने 20 फीसदी के ग्रोथ लक्ष्य को हासिल होने में अब शंका जताई है जिसके चलते रेटिंग में फिर कटौती कर सकती है। गोल्डमैन सैक्स ने भी इसे सेल रेटिंग दी है और टारगेट प्राइस 4000 रुपये पर फिक्स किया है। ब्रोकरेज के मुताबिक क्विक कॉमर्स की तेजी बनी रहने वाली है जिसके चलते एवेन्यू सुपरमार्ट्स के कारोबार पर आगे भी झटका दिख सकता है। इन वजहों से डीमार्ट के शेयरों पर आज झटका दिखा।
रिकवरी की क्या है उम्मीद?
एवेन्यू सुपरमार्ट्स के मैनेजमेंट के मुताबिक दूसरी तिमाही में ई-कॉमर्स से बढ़ते कॉम्पटीशन के चलते इसके कारोबार को झटका लगा। हालांकि ब्रोकरेज फर्म सीएलएसए का मानना है कि प्राइवेट लेबल पर फोकस इसकी सही स्ट्रैटेजी है और कॉम्पटीशन में यह मजबूती से बनी रहेगी। सीएलएसए ने इसकी आउटपरफॉर्म रेटिंग को बरकरार रखा है और 5360 रुपये का टारगेट प्राइस फिक्स किया है। एक और ब्रोकरेज फर्म बर्न्स्टीन ने भी इसकी आउटपरफॉर्म रेटिंग को 5800 रुपये के टारगेट प्राइस के साथ बरकरार रखा है। रेवेन्यू ग्रोथ चार साल में सबसे सुस्त रही। हालांकि बर्न्स्टीन का मानना है कि स्टोर और रिटेल एरिया में विस्तार से इसकी ग्रोथ 20 फीसदी से अधिक रह सकती है। इसके अलावा मेट्रो में क्विक कॉमर्स से घटते कॉम्पटीशन से भी इसे सपोर्ट मिलेगा। हालांकि ब्रोकरेज का यह भी कहना है कि इन फैक्टर्स का असर दिखने में 3-5 तिमाही लग सकती है।
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