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Daily Voice: DSP MF के विनीत साम्ब्रे ने बताया कि वह इन 4 सेक्टरों पर क्यों लगा रहे हैं दांव, कहां होगी कमाई

Daily Voice: इन चुनौतियों के बावजूद, बैंकों के लिए लॉन्ग टर्म नजरिया पॉजिटिव बना हुआ है। डीएसपी म्यूचुअल फंड के विनीत साम्ब्रे का कहना है कि जैसे-जैसे आर्थिक विकास में तेजी आएगी और प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी बढ़ेगी, क्रेडिट ग्रोथ में तेजी आने की संभावना है, जिससे बैंकों को नए ऋण देनें के अवसर मिलेंगे

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 30, 2024 पर 11:39 AM
Daily Voice: DSP MF के विनीत साम्ब्रे ने बताया कि वह इन 4 सेक्टरों पर क्यों लगा रहे हैं दांव, कहां होगी कमाई
MARKET OUTLOOK : विनीत ने कहा कि वे पावर सेक्टर को लेकर पॉजिटिव हैं। रिन्यूएबल और पारंपरिक दोनों एनर्जी सेक्टरो में क्षमता विस्तार में उछाल आया है। इस क्षमता विस्तार से पावर वैल्यू चेन से जुड़ी कंपनियों की ऑर्डर बुक मजबूत रहने की उम्मीद है

Daily Voice : डीएसपी म्यूचुअल फंड में इक्विटी हेड विनीत साम्ब्रे बैंकिंग शेयर अच्छे लग रहे हैं। उनका कहना है कि बैंकिंग शेयर इस समय सस्ते भाव में मिल रहे हैं। बैंकिंग सेक्टर बैलेंस शीट मजबूत गुणवत्ता वाली है। इसके साथ यह सेक्टर देश के आर्थिक विकास के साथ घनिष्ठता को साथ जुड़ा हुआ है। जिसके चलते देश में बढ़ते आर्थिक विकास के साथ बैंकिंग शेयरों के फायदा होगा। विनीत हेल्थकेयर सेक्टर के बारे में भी पॉजिटिव हैं। उनका मानना है कि सेक्टर में देखने को मिल रहा टिकाऊ लो टीन ग्रोथ, मजबूत कैश फ्लो जेनरेशन और नियोजित पूंजी पर बेहतर रिटर्न (रिटर्न ऑन कैपिटल इम्प्लाइड) इसको आकर्षक बनाता है।

विनीत को स्मॉल और मिड कैप सेक्टर का विशेषज्ञ माना जाता है। इन्हें इक्विटी और निवेश सलाह के क्षेत्र में 16 सालों से अधिक का अनुभव है। उनके मुताबिक आईटी सेक्टर ने हाल ही में कुछ चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन उनका मानना ​​है कि यह सेक्टर अगले 3-4 सालों में एआई और डिजिटल परिवर्तन में उभरते अवसरों से लाभ उठाने के लिए अच्छी स्थिति में है।

क्या बैंकों के लिए जोखिम प्रतिफल अनुकूल है? इसके जवाब में विनीत ने कहा कि बैंकों का रिस्क-रिवॉर्ड प्रोफ़ाइल वर्तमान में अनुकूल लग रहा है। इसका मुख्य कारण सही वैल्यूएशन है। इस सेक्टर को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है जैसे कि मार्जिन पर दबाव, क्रेडिट ग्रोथ में गिरावट और असेट क्वालिटी तो लेकर बढ़ता जोखिम। ये चुनौतियां शॉर्ट टर्म में इस सेक्टर को नुकसान पहुंचा सकती हैं।

इन चुनौतियों के बावजूद, बैंकों के लिए लॉन्ग टर्म आउटलुक सकारात्मक बना हुआ है। जैसे-जैसे देख का आर्थिक विकास रफ्तार पकड़ेगा और निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ेगी, क्रेडिट ग्रोथ में उछाल आने की संभावना है, जिससे बैंकों को नए ऋण देने के अवसर मिलेंगे।

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