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Daily Voice : विकसित देशों की मंदी का भारत पर नहीं पड़ेगा बहुत असर लेकिन IT सेक्टर को लेकर रहें सतर्क

आईटी कंपनियों पर हमें पोजिशन लेने के पहले सर्तक रहना चाहिए और लॉन्ग टर्म नजरिए से ही आईटी सेक्टर पर दांव लगाना चाहिए। नियर से मध्यम टर्म में आईटी कंपनियों में करेक्शन और रेंज बाउंड रहने का जोखिम है

MoneyControl Newsअपडेटेड Aug 03, 2022 पर 10:25 PM
Daily Voice : विकसित देशों की मंदी का भारत पर नहीं पड़ेगा बहुत असर लेकिन IT सेक्टर को लेकर रहें सतर्क
अगर अमेरिका में मंदी आती है तो भारत की लगभग सभी आईटी कंपनियों पर इसका निगेटिव असर पड़ेगा

कर्मा कैपिटल एडवाइजर्स (Karma Capital Advisors) के ऋषभ शेठ (Rushabh Sheth) का मानना है कि भारत की इकोनॉमी काफी हद तक घरेलू गतिविधियों पर आधारित इकोनॉमी है। इसकी वजह से अमेरिका और दूसरे विकसित देशों में आने वाली किसी मंदी का भारत पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा। भारत में कंज्यूमर और कॉर्पोरेट सेक्टर काफी अच्छी स्थिति में नजर आ रहे हैं जिससे आगे भी देश की इकोनॉमी में ग्रोथ कायम रहेगी। इसके अलावा सरकार के तमाम इंफ्रास्ट्रक्चर और रिफॉर्म प्रोग्रामों के चलते भी इकोनॉमी को सपोर्ट मिलेगा।

मनी मैनेजमेंट और इक्विटी मार्केट का दो दशकों से ज्यादा का अनुभव रखने वाले ऋषभ शेठ का कहना है कि वह आईटी सेक्टर में निवेश करने पहले काफी सावधानी बरतने के पक्ष में हैं। उनका कहना है कि आईटी सेक्टर का वैल्यूएशन इस समय ठीक लग रहा है लेकिन आने वाले तिमाहियों में इस सेक्टर में अर्निंग अनुमान में कटौती का जोखिम है। जिससे आगे यह सेक्टर एक सीमित दायरे में घूमता नजर आ सकता है।

यूएस फेड की नीतियों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि मार्केट का पहले से ही अनुमान था कि फेड अपनी ब्याज दरों में 0.75 फीसदी की बढ़ोतरी करेगा। यूएस फेड की तरफ से की गई बढ़ोतरी के बावजूद अमेरिका में रियल इंटरेस्ट रेट काफी निगेटिव नजर आ रही है। अगर अमेरिका में 9 फीसदी के आसपास दिखाई दे रही महंगाई थोड़ी भी कम नहीं होती है तो यूएस फेड के लिए दरों में बढ़ोतरी से बचना मुश्किल होगा। ऐसे में यूएस फेड के नजरिए में तत्काल किसी बदलाव की संभावना नजर नहीं आ रही है।

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