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दो फसलें एक साथ, कीटनाशक खर्च कम और मुनाफा दोगुना! जानिए कैसे

Mixed farming: सीतामढ़ी के किसान हरेराम महतो ने टमाटर और करेला को एक साथ उगाने की अनोखी तकनीक अपनाई है। इस स्मार्ट खेती मॉडल से जमीन का अधिकतम उपयोग, लागत में कमी और फसलों का बेहतर विकास संभव हुआ। कीटनाशक खर्च कम हुआ और आय बढ़ी। उनकी सफलता अब अन्य किसानों के लिए प्रेरणा बन गई है

Edited By: Anchal Jhaअपडेटेड Nov 25, 2025 पर 3:51 PM
दो फसलें एक साथ, कीटनाशक खर्च कम और मुनाफा दोगुना! जानिए कैसे
Mixed farming: इस मिश्रित खेती मॉडल में रोग और कीटों का असर कम होता है।

सीतामढ़ी के नवाचारी किसान हरेराम महतो ने खेती के क्षेत्र में एक ऐसा अनोखा मॉडल तैयार किया है, जिसने पारंपरिक खेती की सीमाओं को तोड़ दिया है। जहां अधिकतर किसान एक ही फसल उगाने पर निर्भर रहते हैं, वहीं हरेराम ने टमाटर और करेला को एक साथ उगाने की नई तकनीक अपनाई है। उनका लक्ष्य था कि कम जगह और कम मेहनत में अधिक उत्पादन हासिल किया जाए। इस तकनीक में करेला की बेलें टमाटर के पौधों पर ऊपर बढ़ती हैं, जिससे मचान लगाने की जरूरत नहीं पड़ती और जमीन का अधिकतम उपयोग होता है।

टमाटर की मजबूत डालियां करेले को सहारा देती हैं और दोनों फसलें बिना एक-दूसरे को प्रभावित किए बढ़ती हैं। इसके परिणामस्वरूप फसलें स्वस्थ, संतुलित और रोग-रहित रहती हैं। हरेराम की इस ‘स्मार्ट खेती’ से उनकी आय बढ़ी है और ये अन्य किसानों के लिए प्रेरणा बन गई है, जिससे सीमांत किसान भी कम लागत में बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं।

टमाटर और करेला का सामंजस्यपूर्ण सहयोग

हरेराम की तकनीक में करेला की बेलें टमाटर के पौधों पर चढ़ती हैं, जिससे अतिरिक्त मचान लगाने की जरूरत नहीं पड़ती और जमीन का अधिकतम उपयोग होता है। टमाटर की मजबूत डालियां करेले को सहारा देती हैं, जबकि दोनों फसलों की जड़ें बिना एक-दूसरे को प्रभावित किए विकास करती हैं। इस विधि से खेत में धूप, हवा और नमी का संतुलन भी बेहतर रहता है।

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