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Daily Voice: भारत-पाकिस्तान तनाव से बाजार में किसी बड़ी उथल-पुथल की संभावना नहीं - इक्वेंटिस वेल्थ के जसप्रीत सिंह अरोड़ा

Daily Voice : मार्च तिमाही के नतीजों के आधार पर इक्वेंटिस वेल्थ एडवाइजरी सर्विसेज के जसप्रीत सिंह अरोड़ा को BFSI शेयरों पर काफी भरोसा है। इसके बाद उनको कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी, एफएमसीजी और हेल्थकेयर सेक्टर पसंद हैं जिनमें हॉस्पिटल, घरेलू फार्मा कंपनियों, सीमेंट और स्पेशियलिटी केमिकल कंपनियों के शेयर शामिल हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड May 08, 2025 पर 11:35 AM
Daily Voice: भारत-पाकिस्तान तनाव से बाजार में किसी बड़ी उथल-पुथल की संभावना नहीं - इक्वेंटिस वेल्थ के जसप्रीत सिंह अरोड़ा
ऐतिहासिक आंकड़ों को देखने से पता चलता है कि सीमा पर होने वाली छोटी-मोटी झड़पों या राजनैतिक बयानबाजी के चलते बाजार में शॉर्ट टर्म में वोलैटिलटी रहती है

इक्वेंटिस वेल्थ एडवाइजरी सर्विसेज के जसप्रीत सिंह अरोड़ा ने मनीकंट्रोल को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच भू-राजनीतिक तनाव से जुड़ी चिंताएं थोड़े समय के लिए हैं। जब तक व्यापार मार्ग बाधित नहीं होते, बड़े आर्थिक केंद्रों या बुनियादी ढांचे पर असर नहीं पड़ता और जोखिम से बचने के लिए एफआईआई बड़ी मात्रा में निकासी नहीं करते तब तक बाजार पर इसका कोई खास असर नहीं होगा। इसके अलावा, उनका मानना ​​है कि भारत 2025 में दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और उसे अमेरिका तथा अन्य बड़े देशों से मजबूत सपोर्ट हासिल है।

जसप्रीत सिंह अरोड़ा को निवेश के नजरिए से बैंकों की तुलना में एनबीएफसी शेयर ज्यादा पसंद। वह आईटी सेक्टर पर मंदी का नजरिया रखते हैं। हालांकि उनका यह भी कहना है कि कुछ चुनिंदा आईटी शेयरों में निवेश किया जा सकता है। वित्त वर्ष 2026 में इनके ईपीएस 25 फीसदी से अधिक ग्रोथ की उम्मीद है।

क्या आप मानते हैं कि बाजार भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव से चिंतित है? इसके जवाब में जसप्रीत सिंह ने कहा कि हां, बाजार भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव पर रिएक्ट करोगा। हालांकि, बाजार कितनी प्रतिक्रिया करेगा है यह संघर्ष की गंभीरता समय और इसके संभावित आर्थिक प्रभाव पर निर्भर करेगा।

ऐतिहासिक आंकड़ों को देखने से पता चलता है कि सीमा पर होने वाली छोटी-मोटी झड़पों या राजनैतिक बयानबाजी के चलते बाजार में शॉर्ट टर्म में वोलैटिलटी रहती है। ऐसी स्थितियों में विशेष रूप से डिफेंस,ऑयल और करेंसी मार्केट (भारतीय रुपये में गिरावट) से जुड़े शेयर में कुछ दिन की उठापटक देखने को मिलती है।

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