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इस दिवाली ऑटो, बैंकिंग और फार्मा सेक्टर पर रहे नजर, जगमगा उठेगा पोर्टफोलियो : कोटक चेरी के श्रीकांत सुब्रमण्यम

Daily Voice : श्रीकांत ने कहा कि पूरी दुनिया में जोखिम से बचने की भावना के हावी होने के कारण इक्विटी बाजार में वोलैटिलिटी देखने को मिली है। इज़राइल-हमास की लड़ाई और अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में बढ़त ने बाजार में डर पैदा कर दिया। इज़राइल-हमास की लड़ाई बाजार के लिए एक बड़ी चुनौती बन के उभरी है। इस लड़ाई के पूरे मध्य पूर्व में फैलने का डर बना हुआ है

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 08, 2023 पर 12:38 PM
इस दिवाली ऑटो, बैंकिंग और फार्मा सेक्टर पर रहे नजर, जगमगा उठेगा पोर्टफोलियो : कोटक चेरी के श्रीकांत सुब्रमण्यम
Daily Voice : दिवाली के मौके पर अपने तीन पसंदीदा सेक्टरों पर बात करते हुए श्रीकांत ने कहा कि ऑटो शेयरों ने अच्छे प्रोडक्ट मिक्स, अच्छी प्राइसिंग पावर, मजबूत ऑर्डर बुक और स्टेबल रेग्यूलेटरी माहौल के साथ काफी अच्छी वापसी की है

Daily Voice : ऑटो शेयरों ने अच्छे प्रोडक्ट मिक्स, अच्छी प्राइसिंग पावर, मजबूत ऑर्डर बुक और स्टेबल रेग्यूलेटरी माहौल के साथ काफी अच्छी वापसी की है। फार्मा सेक्टर में भी टर्नएराउंड (तेज पॉजिटिव बदलाव) देखने को मिला है। बैंक शेयरों का प्रदर्शन भी अब तक आम तौर पर अच्छा रहा है। ये बातें डिजिटल निवेश प्लेटफॉर्म कोटक चेरी के सीईओ श्रीकांत सुब्रमण्यम ने मनीकंट्रोल के साथ एक फ्रीव्हीलिंग चैट के दौरान कही हैं। इक्विटी बाजार का दो दशकों से ज्यादा का अनुभव रखने वाले श्रीकांत सुब्रमण्यम का कहना है कि दिवाली 2023 के नजरिए से उन्हें तीन सेक्टरों में निवेश के अच्छे मौके दिख रहे हैं। इन सेक्टर्स के क्वालिटी शेयरों में निवेश करने से शानदार रिटर्न मिलने की संभावना है।

इक्विटी बाजार का दो दशकों से ज्यादा का अनुभव रखने वाले श्रीकांत सुब्रमण्यम का मानना है कि बाजार अब यह मान चुका है की ऊंची ब्याज दरें लंबी अवधि तक ऊंचे स्तरों पर बनी रहेंगी। लेकिन उनका ये भी कहना कि अमेरिका में ब्याज दरें अब अपने उच्चतम स्तरों पर हैं, अब इसमें और बढ़त की उम्मीद नहीं है। इस बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि जब तक जियोपोलिटिकल मोर्चे पर कोई बड़ा झटका नहीं लगता तब तक ब्याज दरों में कोई बड़ी बढ़त नहीं होगी।

अमेरिका में ब्याज दरों में और बढ़ोतरी की चिंता फिलहाल हुई कम

बाजार पर बात करते हुए श्रीकांत ने कहा कि पूरी दुनिया में जोखिम से बचने की भावना के हावी होने के कारण इक्विटी बाजार में वोलैटिलिटी देखने को मिली है। इज़राइल-हमास की लड़ाई और अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में बढ़त ने बाजार में डर पैदा कर दिया। इज़राइल-हमास की लड़ाई बाजार के लिए एक बड़ी चुनौती बन के उभरी है। इस लड़ाई के पूरे मध्य पूर्व में फैलने का डर बना हुआ है। अगर ऐसा होता है तो विदेशी निवेशक सुरक्षित निवेश विकल्पों की तरफ रुख कर सकते हैं। कच्चे तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं। रुपए में कमजोरी आ सकती है और राजकोषीय घाटा बढ़ सकता है। इससे बाजार में कमजोरी आ सकती है। फेड के फैसले और जेरोम पॉवेल की टिप्पणी के बाद अमेरिका में ब्याज दरों में और बढ़ोतरी की चिंता फिलहाल कम हो गई है।

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