Get App

Dollar Vs Rupee : 27 पैसे मजबूती के साथ खुलने के बाद लाल निशान में फिसला रुपया, आज 85.05-85.45 के दायरे में हो सकता है ट्रेड

Dollar index : इस महीने में अब तक डॉलर इंडेक्स में करीब 6 फीसदी की गिरावट आई है। आज डॉलर इंडेक्स 31 मार्च 2022 के बाद सबसे निचले स्तर पर कारोबार कर रहा है। फिलहाल ये यह 98.312 के स्तर पर नजर आ रहा है

MoneyControl Newsअपडेटेड Apr 21, 2025 पर 11:01 AM
Dollar Vs Rupee : 27 पैसे मजबूती के साथ खुलने के बाद लाल निशान में फिसला रुपया, आज 85.05-85.45 के दायरे में हो सकता है ट्रेड
Currency markets : मजबूत घरेलू संकेतकों और बदलती ग्लोबल स्थितियों के कारण भारतीय रुपया पिछले सात कारोबारी सत्रों से तेजी दिखा रहा है

Forex Market : डॉलर इंडेक्स में तेज गिरावट से रुपए को सपोर्ट मिला है। डॉलर के मुकाबले रुपया आज 27 पैसे मजबूत होकर 85.10 के स्तर पर पर खुला है। हालांकि कल यह 85.37 के स्तर पर बंद हुआ था। फिलहाल 10.35 बजे के आसपास डॉलर के मुकाबले रुपया 0.2725 रुपए यानी 0.32 फीसदी की कमजोरी के साथ 85.1100 के स्तर पर नजर आ रहा है। इस महीने में अब तक डॉलर इंडेक्स में करीब 6 फीसदी की गिरावट आई है। आज डॉलर इंडेक्स 31 मार्च 2022 के बाद सबसे निचले स्तर पर कारोबार कर रहा है। फिलहाल ये यह 98.312 के स्तर पर नजर आ रहा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फेड की स्वतंत्रता को लेकर उठी चिंताओं के कारण डॉलर इंडेक्स कमजोर होकर 98.28 के आसपास पहुंच गया । फिलहाल डॉलर इंडेक्स 98.312 पर कारोबार कर रहा है, जबकि पिछले कारोबारी सत्र में यह 99.230 पर बंद हुआ था। इस महीने में अब तक डॉलर इंडेक्स में करीब 6 फीसदी की गिरावट आई है। आज डॉलर इंडेक्स 31 मार्च 2022 के बाद के सबसे निचले स्तर पर कारोबार कर रहा है।

Market trend : कमजोर ग्लोबल संकेतों के बावजूद निफ्टी ने फिर से हासिल किया 24000 का स्तर, क्या जारी रहेगी ये तेजी?

सीआर फॉरेक्स एडवाइजर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर अमित पबारी ने कहा कि अमेरिकी डॉलर लगातार दबाव का सामना कर रहा है, डॉलर इंडेक्स में इस साल अब तक 9 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। बाजार को उम्मीद है कि फेडरल रिजर्व को अंततः दरों में कटौती करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। इसी उम्मीद के चलते डॉलर में कमजोरी देखने को मिल रही है। हालांकि फेड के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने सतर्क रुख बनाए हुए हैं। उन्होंने दरों में तत्काल कटौती नहीं करने के संकेत दिए हैं। बढ़ते राजनीतिक दबाव, विशेष रूप से राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से पड़ रहे दबाव के चलते जेरोम पॉवेल दरों में कटौती के लिए मजबूर हो सकते हैं। ट्रंप का मानना है कि महंगाई नियंत्रण में है अब ग्रोथ को सपोर्ट देने के लिए दरों में कटौती की जरूरत है।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें