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स्मॉलकैप कंपनियों पर मेहरबान FIIs, इक्विटी होल्डिंग 20 तिमाहियों के उच्चतम स्तर पर पहुंची

FIIs ने भारत की स्मॉलकैप कंपनियों में कम से कम पांच वर्षों में अपने हिस्सेदारी सबसे ज्यादा कर ली है। जबकि लार्जकैप और मिडकैप में इस दौरान उनकी हिस्सेदारी घटी है। वहीं मनीकंट्रोल के विश्लेषण के अनुसार निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स के 76 शेयरों पर किये गये एनालिसिस के अनुसार FIIs की हिस्सेदारी मार्च तिमाही में बढ़कर 7.93 प्रतिशत हो गई

Edited By: Sunil Guptaअपडेटेड May 09, 2023 पर 5:06 PM
स्मॉलकैप कंपनियों पर मेहरबान FIIs, इक्विटी होल्डिंग 20 तिमाहियों के उच्चतम स्तर पर पहुंची
FII की हिस्सेदारी निफ्टी 500 शेयरों के लिए एक तिमाही पहले 14.45 प्रतिशत रही थी जिसमें गिरावट आई और ये घटकर 14.26 प्रतिशत हो गई

विदेशी संस्थागत निवेशकों (Foreign institutional investors (FIIs) ने भारत की स्मॉलकैप कंपनियों में कम से कम पांच वर्षों में हिस्सेदारी उच्चतम स्तर पर बढ़ाई है। हालांकि इस दौरान लार्जकैप और मिडकैप में उनकी हिस्सेदारी घटी है। ये जानकारी प्राइम डेटाबेस के आंकड़ों के अनुसार प्राप्त हुई है। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स के 76 शेयरों पर किये गये मनीकंट्रोल विश्लेषण से पता चला है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी मार्च तिमाही में बढ़कर 7.93 प्रतिशत हो गई। जबकि जून 2018 को समाप्त तिमाही के बाद से ये सबसे अधिक है। वहीं FIIs के पास दिसंबर 2022 की तिमाही में 5.8 प्रतिशत और सितंबर 2022 में 5.36 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।

HDFC Securities के दीपक जसानी ने कहा कि मार्च तिमाही में चुनिंदा स्मॉलकैप कंपनियों में जिस तरह से उन्होंने अपनी होल्डिंग बढ़ाई है। उससे लगता है कि FPIs अल्फा रिटर्न कमाने की कोशिश कर रहे हैं। यह भारतीय माइक्रो स्टोरी के साथ उनके विश्वास को भी दर्शाता है। जिसके अनुसार अपने क्षेत्रों में कुछ कंपनियां समग्र बाजार की दिशा के बावजूद बेहतर प्रदर्शन कर सकती हैं।

उन्होंने कहा, "यह कुछ नए एफपीआई का भी प्रतिबिंब हो सकता है जो तिमाही में सक्रिय हो सकते हैं।

मार्च तिमाही में इन 76 कंपनियों में से कुल 41 या 54 प्रतिशत कंपनियों में एफआईआई की हिस्सेदारी बढ़ी है। Jindal Stainless Ltd में एफआईआई ने अपनी हिस्सेदारी सबसे अधिक 9.6 प्रतिशत बढ़ाकर 22.82 प्रतिशत कर ली।

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