विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने जून में भारतीय इक्विटी में 47148 करोड़ रुपये का निवेश किया है। यह राशि पिछले 10 महीने में सबसे अधिक है। वित्तीय परामर्श कंपनी क्रेविंग अल्फा के प्रिंसिपल पार्टनर मयंक मेहरा ने हालांकि कहा कि जुलाई में निवेश कम हो सकता है, क्योंकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की हालिया टिप्पणियों से एफपीआई सतर्क रुख अपना सकते हैं। देश की मैक्रो इकोनॉमिक फंडामेंटल में लगातार सुधार हो रहा है, जिससे निवेशक उत्साहित दिख रहे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत के लगातार बेहतर हो रहे मैक्रो इकोनॉमी के कारण लगातार एफपीआई निवेश ने बाजारों को रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा दिया है।