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अक्टूबर में ग्लोबल मार्केट्स में रही गिरावट, Sensex और Nifty सबसे ज्यादा लुढ़के

भारतीय बाजारों में अक्टूबर में विदेशी संस्थागत निवेशकों की ओर से 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की भारी बिकवाली देखी गई। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव और उसके नतीजे अमेरिकी बाजारों के बाहर भी FPI गतिविधि को भी प्रभावित कर रहे हैं। भारतीय कंपनियों के Q2 परिणामों ने बाजारों पर और दबाव डाला

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Nov 04, 2024 पर 9:49 AM
अक्टूबर में ग्लोबल मार्केट्स में रही गिरावट, Sensex और Nifty सबसे ज्यादा लुढ़के
वैश्विक बाजार, अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में वृद्धि से प्रभावित हैं।

भारत के बेंचमार्क सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी ने अक्टूबर में प्रमुख वैश्विक बाजारों में सबसे तेज गिरावट दर्ज की। इसके पीछे वजह रही भू-राजनीतिक तनाव के बीच विदेशी निवेशकों की ओर से बड़ी बिकवाली। डॉलर के लिहाज से सेंसेक्स में 6.2 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि निफ्टी में 6.6 प्रतिशत की गिरावट आई, जो अन्य प्रमुख सूचकांकों की तुलना में सबसे अधिक गिरावट है।

वैश्विक स्तर पर इसी तरह के भू-राजनीतिक तनाव, अमेरिकी चुनाव को लेकर अनिश्चितताओं और ब्याज दर पर फेडरल रिजर्व के फैसले को लेकर एंटीसिपेशन के कारण बाजारों में करेक्शन हुआ। अमेरिका में डॉव जोन्स 1.34 प्रतिशत, एसएंडपी500 1 प्रतिशत और नैस्डैक 0.5 प्रतिशत गिरा। यूरोप में यूके का एफटीएसई100 5.52 प्रतिशत गिरा, फ्रांस का सीएसी40 6.1 प्रतिशत और जर्मनी का डीएएक्स 3.8 प्रतिशत गिरा।

एशियाई बाजारों का हाल

एशियाई बाजारों में भी यही स्थिति रही। जापान के निक्केई में 3 प्रतिशत, हांगकांग के हैंग सेंग में 4 प्रतिशत और चीन के शंघाई कंपोजिट में 3.44 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। ताइवान के TAIEX में 1.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि दक्षिण कोरिया के KOSPI में 4.7 प्रतिशत की गिरावट आई। फिलीपींस के PSEi में 3.5 प्रतिशत की गिरावट आई, TOPIX में 4.6 प्रतिशत की गिरावट आई और इंडोनेशिया के जकार्ता कंपोजिट इंडेक्स में 2.8 प्रतिशत की गिरावट आई।

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