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H-1B Visa Fee Hike: इन 10 स्टॉक्स को हो सकता है सबसे ज्यादा नुकसान, लिस्ट में अमेरिकी कंपनियां भी शामिल

H-1B Visa Fee Hike: H-1B वीजा संयुक्त राज्य अमेरिका में एंप्लॉयर्स को विशिष्ट कारोबारों में विदेशी वर्कर्स को हायर करने की इजाजत देता है। अमेरिका में विदेशी वर्कर्स की हायरिंग के मामले में कुल दिए गए H-1B वीजा में से 70% से ज्यादा भारतीय नागरिकों को मिले

Edited By: Ritika Singhअपडेटेड Sep 25, 2025 पर 5:22 PM
H-1B Visa Fee Hike: इन 10 स्टॉक्स को हो सकता है सबसे ज्यादा नुकसान, लिस्ट में अमेरिकी कंपनियां भी शामिल
अमेरिकी प्रशासन ने H-1B वीजा के मामले में नए आवेदनों पर 1,00,000 डॉलर की मोटी फीस लगाने का ऐलान किया है। 21 सितंबर के बाद जमा किए गए सभी नए आवेदनों के लिए इस फीस का पेमेंट करना होगा। इससे भारतीय IT कंपनियां तो प्रभावित हो ही सकती हैं लेकिन अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनियों को भी नुकसान झेलना पड़ सकता है।

H-1B वीजा संयुक्त राज्य अमेरिका में नॉन-इमीग्रेंट वीजा का एक क्लासिफिकेशन है। यह अमेरिका में एंप्लॉयर्स को विशिष्ट कारोबारों में विदेशी वर्कर्स, साथ ही फैशन मॉडल, या रक्षा विभाग के प्रोजेक्ट में लगे व्यक्तियों को हायर करने की इजाजत देता है। लेकिन इसके लिए कैंडिडेट का कुछ शर्तों को पूरा करना जरूरी है।

H-1B वीजा को लेकर बढ़ी हुई फीस के कदम से जिन टॉप 10 कंपनियों को तगड़ा झटका लग सकता है उनमें भारत से केवल टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) शामिल है। बाकी 9 सभी कंपनियां अमेरिका की ही हैं।

वित्त वर्ष 2025 के लिए वॉल स्ट्रीट जर्नल के आंकड़ों की मानें तो सबसे ज्यादा H1-B वीजा लाभार्थियों को मंजूरी देने वाली कंपनियों की लिस्ट में टॉप पर अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी एमेजॉन है। इसके H1-B वीजा लाभार्थियों की संख्या 14667 है।

इसके बाद 5586 अप्रूवल्स के साथ TCS है। माइक्रोसॉफ्ट ने H1-B वीजा के मामले में 5189, मेटा ने 5123 और एपल ने 4202 अप्रूवल दिए। इसके बाद 4186 अप्रूवल्स के साथ गूगल और 3681 अप्रूवल्स के साथ कॉग्निजेंट है। डेलॉइट कंसल्टिंग ने 3180, जेपी मॉर्गन ने 2440 और वॉलमार्ट ने 2390 अप्रूवल्स दिए।

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