High frequency trading firms : कोविड के बाद के दौर में अनुभवी इनवेस्टर्स और नौसिखए ट्रेडर्स की किस्मत बदलने की कहानियां खासी सुर्खियों में रही हैं। हालांकि, एक कम चर्चित कहानी भी है जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। ये न्यू एज ट्रेडिंग कंपनियों की कहानियां हैं जिन्होंने धीरे-धीरे कमाई की और लगातार ऐसा करती रहीं। इस प्रकार वे बीते 4-5 साल में अपने प्रॉफिट को कई गुना बढ़ा चुकी हैं। दरअसल ये हाई फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग (HFT) फर्म हैं, जिन्हें मार्केट की भाषा में अल्गो फर्म्स भी कहा जाता है। ये तेज गति से ट्रेड करने के लिए बेहद जटिल अल्गोरिदम और शक्तिशाली कंप्यूटरों का इस्तेमाल करती हैं। NSE के दिसंबर के डेटा से पता चलता है कि एक्सचेंज पर कुल ट्रेड्स में इन कंपनियों की हिस्सेदारी 54 फीसदी रही। बीएसई (BSE) पर यह आंकड़ा 41 फीसदी था।
