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JPMorgan इंडेक्स में भारत के सरकारी बॉन्ड शामिल होने से प्राइवेट क्रेडिट मार्केट्स को मिलेगा बूस्ट

जेपी मॉर्गन के एमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में भारत के सरकारी बॉन्ड्स का इंक्लूजन, देश के 1.2 ट्रिलियन डॉलर के सरकारी ऋण बाजार के लिए एक महत्वपूर्ण पल है। इंक्लूजन प्रभावी होने के बाद सिंगापुर, कोरिया या अमेरिका में निवेश के साथ भारतीय क्रेडिट फंड के प्रदर्शन की तुलना करना आसान हो जाएगा। जेपी मॉर्गन चेज एंड कंपनी जून 2024 से भारत सरकार के बॉन्ड को अपने बेंचमार्क एमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में शामिल करेगी

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड May 09, 2024 पर 9:44 AM
JPMorgan इंडेक्स में भारत के सरकारी बॉन्ड शामिल होने से प्राइवेट क्रेडिट मार्केट्स को मिलेगा बूस्ट
जेपी मॉर्गन के इंडेक्स में इंक्लूजन से अधिक पारदर्शिता आएगी और भारत की निश्चित आय में फंड का फ्लो बढ़ाने में मदद मिलेगी।

जेपी मॉर्गन चेज एंड कंपनी के बॉन्ड इंडेक्स में भारत सरकार के बॉन्ड के शामिल होने से भारत के प्राइवेट क्रेडिट मार्केट्स को बूस्ट मिलेगा। ऐसा निवेश के लिए एक बेंचमार्क उपलब्ध होने और अधिक निवेश आकर्षित होने से होगा। यह बात BPEA Credit ने कही है। जेपी मॉर्गन चेज एंड कंपनी ने पिछले साल सितंबर में घोषणा की थी कि वह जून 2024 से भारत सरकार के बॉन्ड को अपने बेंचमार्क एमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में शामिल करेगी। इस ऐतिहासिक कदम से इसके बाद के डेढ़ से दो साल में भारत को 20 से 40 अरब डॉलर का निवेश आकर्षित करने में मदद करेगी।

2011 में स्थापित BPEA Credit की वेबसाइट के अनुसार, इसने 1 अरब डॉलर से अधिक की पूंजी का निवेश किया है और भारत और दक्षिण पूर्व एशिया पर फोकस किया है। कंपनी के कार्यालय सिंगापुर, मुंबई और नई दिल्ली में हैं। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, BPEA Credit की हेड कंचन जैन का कहना है कि जेपी मॉर्गन के एमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में भारत के सरकारी बॉन्ड्स का इंक्लूजन, देश के 1.2 ट्रिलियन डॉलर के सरकारी ऋण बाजार के लिए एक महत्वपूर्ण पल है। इसका असर अन्य एसेट क्लास पर भी पड़ेगा। 28 जून को यह इंक्लूजन प्रभावी होने के बाद सिंगापुर, कोरिया या अमेरिका में निवेश के साथ भारतीय क्रेडिट फंड के प्रदर्शन की तुलना करना आसान हो जाएगा।

सॉवरेन बॉन्ड में पहले से अरबों डॉलर लगा चुके हैं निवेशक

यह उन ऑफशोर इनवेस्टर्स के लिए एक रेफरेंस पॉइंट है, जो सॉवरेन और कॉरपोरेट बॉन्ड, और अन्य एसेट क्लास दोनों को देखते हैं। निवेशकों ने पहले ही सूचकांक में शामिल होने के योग्य सॉवरेन बॉन्ड में अरबों डॉलर का निवेश कर दिया है, जिससे कॉरपोरेट्स बॉन्डस पर यील्ड कम करने में मदद मिली है।

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