बीते एक साल में इंडियन मार्केट्स का प्रदर्शन काफी खराब रहा है। रिटर्न के मामले में यह दुनिया के बड़े बाजार से पिछड़ गया है। डॉलर और लोकल करेंसी दोनों में इसका प्रदर्शन कमजोर रहा है। कंपनियों की कमजोर प्रॉफिट ग्रोथ, जियोपॉलिटिकल टेंशन और ट्रंप के टैरिफ इसकी वजह हो सकते हैं। मोतीलाल ओसवाल ने अपनी रिपोर्ट 'बुल्स एंड बेयर्स' में कहा है कि डॉलर में इंडियन मार्केट्स ने कोई रिटर्न नहीं दिया है। हालांकि, इस कैलेंडर ईयर में लोकल करेंसी यानी रुपये में रिटर्न तीन फीसदी रहा है।