Get App

NSE से ज्यादा तेज BSE कर रही ब्रोकर्स और डीपी की जांच, SEBI की रिपोर्ट में खुलासा

Stock Market News: स्टॉक एक्सचेंज ब्रोकर्स और डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (DPs) की जांच करते हैं। यह जांच कितनी हुई, सेबी इसकी रिपोर्ट जारी करती है। पिछले वित्त वर्ष 2023 के लिए जारी रिपोर्ट के मुताबिक ऐसी जांच की जरूरत कम पड़ी। हालांकि एनएसई के मुकाबले बीएसई की जांच अधिक बढ़ी। चेक करें बाकी एक्सचेंजों की क्या स्थिति है और इस प्रकार की जांच के लिए नियम क्या हैं

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Aug 08, 2023 पर 11:13 AM
NSE से ज्यादा तेज BSE कर रही ब्रोकर्स और डीपी की जांच, SEBI की रिपोर्ट में खुलासा
सेबी के मुताबिक स्टॉक ब्रोकर्स को स्वतंत्र ऑडिटर्स के जरिए इनटर्नल ऑडिट कराने की जरूरत पड़ती है। यह ऑडिट हर छह महीने पर होती है। अगर स्टॉक ब्रोकर्स इस इनटर्नल ऑडिट की रिपोर्ट फाइल करने में देरी करते हैं तो स्टॉक एक्सचेंज उन पर पेनाल्टी लगाते हैं।

Stock Market News: पिछले वित्त वर्ष 2023 में स्टॉक ब्रोकर्स और डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (DPs) के जांच की जरूरत कम पड़ी। बाजार नियामक सिक्योरिटीज एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने 2022-23 में ब्रोकर्स की 87 जांच की जो सालाना आधार पर 5.4 फीसदी कम रही। वहीं डीपी की जांच के मामले में यह गिरावट और तेज रही। सेबी ने पिछले वित्त वर्ष डीपी की 45 फीसदी कम 28 ही जांच की। सेबी ने स्टॉक ब्रोकरों और डीपी की जांच ग्रुप लेवल पर की यानी कि इक्विटी सेगमेंट, कमोडिटी डेरिवेटिव सेगमेंट और डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट वाली एंटिटीज के एक्टिविटीज की एक साथ जांच की गई।

यह जांच संबंधित स्टॉक एक्सचेंजों और डिपॉजिटरीज के साथ संयुक्त रूप से की गई ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कामकाज के सभी पहलुओं को एक साथ देखा जाए। सेबी की 7 अगस्त को जारी रिपोर्ट के मुताबिक इससे फायदा यह हुआ कि एक ही एंटिटी की कई बार जांच नहीं करनी पड़ी।

Startup News: एक भी SaaS स्टार्टअप इस साल नहीं बनी यूनिकॉर्न, लेकिन एक गुड न्यूज भी है

NSE से ज्यादा BSE ने की जांच

सब समाचार

+ और भी पढ़ें