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IT Stocks : अच्छे ग्लोबल संकेतों के दम पर Nifty IT में 3% की तेजी , कोफोर्ज और परसिस्टेंट सिस्टम्स सबसे आगे

IT sector news : अमेरिकी टेक हैवी इंडेक्स नैस्डैक कंपोजिट के कल हरे निशान में बंद होने के बाद आज निफ्टी आईटी इंडेक्स में हरियाली देखने को मिल रही है। इस इंडेक्स में पिछले महीने बिकवाली का भारी दबाव देखने को मिला था

MoneyControl Newsअपडेटेड Apr 08, 2025 पर 10:01 AM
IT Stocks : अच्छे ग्लोबल संकेतों के दम पर Nifty IT में 3% की तेजी , कोफोर्ज और परसिस्टेंट सिस्टम्स सबसे आगे
अंतर्राष्ट्रीय ब्रोकरेज कंपनी मॉर्गन स्टेनली ने कहा है कि ग्लोबल स्तर पर होने वाले बड़े आर्थिक बदलाव और तकनीकी परिवर्तन घरेलू आईटी सेक्टर के लिए जोखिम पैदा कर रहे हैं

आईटी शेयरों का इंडेक्स निफ्टी आईटी 8 अप्रैल को शुरुआती कारोबरी सत्र में तीन प्रतिशत उछल गया है। सकारात्मक ग्लोबल संकेतों के चलते आईटी शेयरों में तेजी आई है। बाजार में जोखिम से बचने के ट्रेंड में थोड़ी कमी आई है जिससे बाजार में तेजी का माहौल बना है। आद सुबह 9.30 बजे के आसपास निफ्टी आईटी इंडेक्स 2.3 प्रतिशत की बढ़त के साथ 33,400 के करीब कारोबार कर रहा था। कोफोर्ज, पर्सिस्टेंट सिस्टम्स और इंफोसिस इस बढ़त की लीडरशिप कर रहे थे। इस इंडेक्स में मिड-कैप आईटी कंपनियां ने अपने लार्ज-कैप साथियों से बेहतर प्रदर्शन करती दिख रही थीं।

अमेरिकी टेक हैवी इंडेक्स नैस्डैक कंपोजिट के कल हरे निशान में बंद होने के बाद आज निफ्टी आईटी इंडेक्स में हरियाली देखने को मिल रही है। नैस्डैक कंपोजिट में पिछले महीने बिकवाली का भारी दबाव देखने को मिला था। पिछले महीने में वॉल स्ट्रीट का इस इंडेक्स में 14 फीसदी की गिरावट आई, जिससे यह बियरिश मार्केट जोन में पहुंच गया है।

पिछले कारोबारी सत्र में, ग्लोबल मार्केट में जोखिम से बचने की भावना हावी रहने के कारण भारतीय इक्विटी में भी गिरावट आई थी। इसके कारण निफ्टी आईटी में 2.5 प्रतिशत की गिरावट आई थी। आईटी इंडेक्स में एमफैसिस और कोफोर्ज जैसी मिड-कैप टेक सर्विसेज कंपनियों में 5 प्रतिशत की गिरावट आई। जबकि आईटी दिग्गज इंफोसिस में 3.2 प्रतिशत की गिरावट आई थी।

सेल्स ग्रोथ में कमी आने की चिंताओं के बीच यह बिकवाली हुई थी। आईटी कंपनियां अपनी कमाई के एक बड़े हिस्से के लिए अमेरिका को होने वाले सर्विसेज के निर्यात पर निर्भर हैं। ऐसे में टैरिफ लगाए जाने के बाद, अमेरिका स्थित ग्राहकों से सौदे मिलने की गति और मात्रा दोनों के कम होने की संभावना है, जिससे इन फर्मों की आय पर असर पड़ेगा।

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