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Jupiter Hospital IPO Listing: हॉस्पिटल चेन की धांसू लिस्टिंग, 31% प्रीमियम पर एंट्री ने भर दी झोली

Jupiter Hospital IPO Listing: जुपिटर ब्रांड के हॉस्पिटल चेन चलाने वाली जुपिटर लाइफ लाइन हॉस्पिटल्स (Jupiter Life Line Hospitals) के आईपीओ को निवेशकों का धांसू रिस्पांस मिला था और ओवरऑल 64 गुना से अधिक सब्सक्राइब हुआ था। अब आज इसकी घरेलू मार्केट में एंट्री हुई। इस आईपीओ के जरिए नए शेयरों के साथ-साथ ऑफर फॉर सेल विंडो के जरिए भी शेयर बेचे गए हैं

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Sep 18, 2023 पर 5:09 PM
Jupiter Hospital IPO Listing: हॉस्पिटल चेन की धांसू लिस्टिंग, 31% प्रीमियम पर एंट्री ने भर दी झोली
Jupiter Hospital IPO Listing: जुपिटर लाइफ मुंबई मेट्रोपॉलिटन एरिया (MMR) और देश के पश्चिमी क्षेत्र में मल्टी-स्पेशियलिटी टर्शियरी और क्वार्टनरी हेल्थकेयर के रूप में जाना-माना नाम बन चुकी है। अब आज यह मार्केट में लिस्ट भी हो गई।

Jupiter Hospital IPO Listing: जुपिटर ब्रांड के हॉस्पिटल चेन चलाने वाली जुपिटर लाइफ लाइन हॉस्पिटल्स (Jupiter Life Line Hospitals) के शेयरों की आज घरेलू मार्केट में धांसू एंट्री हुई। इसके आईपीओ को निवेशकों का धांसू रिस्पांस मिला था और ओवरऑल 64 गुना से अधिक सब्सक्राइब हुआ था। जुपिटर हॉस्पिटल के शेयर 735 रुपये के भाव पर जारी हुए हैं। आज बीएसई पर इसकी 960 रुपये पर एंट्री हुई यानी कि आईपीओ निवेशकों को 31 फीसदी लिस्टिंग गेन (Jupiter Life Listing Gain) मिला। लिस्टिंग के बाद भी शेयरों की तेजी नहीं थमी और दिन के आखिरी में 1075.25 रुपये (Jupiter Life Share Price) पर बंद हुआ यानी कि आईपीओ निवेशक 46 फीसदी से अधिक मुनाफे में हैं।

कितना भरा था Jupiter Life IPO

जुपिटर लाइफ लाइन हॉस्पिटल्स का 869.08 करोड़ रुपये का आईपीओ 6-8 सितंबर तक खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों का शानदार रिस्पांस मिला और ओवरऑल 64.80 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें से क्वालिफाईड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) का हिस्सा 181.89 गुना, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 36 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 8 गुना भरा था। इस इश्यू के तहत 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 542 करोड़ रुपये के 73,74,163 शेयर जारी हुए हैं और बाकी 327.08 करोड़ रुपये के 44.50 लाख शेयरों की ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत बिक्री हुई है। नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों के इस्तेमाल की बात करें तो यह कर्ज चुकाने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में खर्च होगा।

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