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डिफेंस शेयरों में निवेश शॉर्ट टर्म में हो सकता है रिस्की, निलेश शाह ने क्यों कही यह बात?

[डिफेंस सेक्टर की कंपनियों की ऑर्डर बुक ठोस है। आरएंडडी में निवेश हो रहा है। सरकार ने डिफेंस इक्विपमेंट के आयात पर रोक लगाई है। भारतीय कंपनियों से रक्षा उपकरण की खरीदारी को प्राथमिकता दी जा रही है। DRDO से इन कंपनियों को सपोर्ट मिल रहा है

Curated By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Aug 01, 2023 पर 9:57 PM
डिफेंस शेयरों में निवेश शॉर्ट टर्म में हो सकता है रिस्की, निलेश शाह ने क्यों कही यह बात?
लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की सरकार की पॉलिसी के बाद डिफेंस सेक्टर का परिदृश्य बदला है। मेक इन इंडिया की पहल के बाद अब घरेलू बाजार से 68 फीसदी डिफेंस प्रोडक्ट्स की खरीदारी हो रही है। कुछ साल पहले यह आंकड़ा 38 फीसदी था।

डिफेंस सेक्टर की कंपनियों में निवेश शॉर्ट टर्म में रिस्की हो सकता है। Kotak Mahindra AMC के एमडी निलेश शाह (Nilesh Shah) ने यह बात कही है। मनीकंट्रोल से बातचीत में उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में इस सेक्टर को मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि इस सेक्टर पर सरकार की पॉलिसी का सीधा असर पड़ता है। डिफेंस कंपनियों के शेयरों में आई तेजी की वजह सरकार की पॉलिसी है। सरकार ने रक्षा उपकरणों की खरीद में घरेलू कंपनियों को प्राथमिकता देने की पॉलिसी अपनाई है। शानदार तेजी के बाद अब डिफेंस कंपनियों के शेयरों में शॉर्ट टर्म में रिस्क दिख रहा है, क्योंकि इनमें प्रॉफिट बुकिंग हो सकती है।

डिफेंस शेयरों ने किया मालामाल

डिफेंस सेक्टर की कंपनियों के शेयरों में जबर्दस्त तेजी देखने को मिली है। इनमें Bharat Dynamics (49.66%), Hindustan Aeronautics (95.13 %), Astra Microwave (33.98 %), Bharat Electronics (39.97 %), Cochin Shipyard (100.03%), MTAR Technologies (64.03 %) और Zen Technologies (235.60 %) शामिल हैं।

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