अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) के मॉनेटरी पॉलिसी के नतीजों के बाद स्टॉक मार्केट्स में रौनक है। फेड ने अगले साल इंटरेस्ट रेट में कमी के संकेत दिए हैं। इससे कम से कम यह पक्का हो गया है कि इंटरेस्ट रेट अब बढ़ने नहीं जा रहा है। Kotak Mutual Fund के एमडी और सीईओ निलेश शाह (Nilesh Shah) ने फेड के फैसले के बाद स्टॉक मार्केट्स और इनवेस्टमेंट को लेकर कई अहम बातें बताईं। उन्होंने इंडिया को लेकर विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की संभावित रणनीति के बारे में भी चर्चा की। फेडरल रिजर्व लिक्विडिटी घटाए बगैर इंटरेस्ट रेट बढ़ाकर ग्रोथ और इनफ्लेशन में संतुलन बनाने की कोशिश करता आया है। शाह का मानना है कि फेड की दिक्कत यह है कि एक तरफ कर्ज का बोझ बहुत ज्यादा है। लेकिन, इनफ्लेशन को काबू में रखने के लिए उसे इंटरेस्ट रेट बढ़ाने पड़े हैं। अब हम उम्मीद कर सकते हैं कि आगे फेडरल रिजर्व का रुख नरम रहेगा।