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दुनियाभर में उम्मीद की किरण है इंडिया, 2024 लॉर्जकैप स्टॉक्स का साल होगा : निलेश शाह

कोटक म्यूचुअल फंड के एमडी निलेश शाह ने कहा कि जहां पूरी दुनिया में सूखे की स्थिति है, इंडिया में पानी दिख रहा है। यह दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी से अब तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनने की तरफ बढ़ रहा है। हम सच में अमृतकाल में हैं। हमें टैलेंट, कैपिटल और इंफ्रास्ट्रक्चर का संगम दिख रहा है

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 15, 2023 पर 10:29 AM
दुनियाभर में उम्मीद की किरण है इंडिया, 2024 लॉर्जकैप स्टॉक्स का साल होगा : निलेश शाह
निलेश शाह ने कहा कि 2024 में लार्जकैप स्टॉक्स और मिडकैप-स्मॉलकैप स्टॉक्स के बीच फर्क घटने की उम्मीद है। 2023 स्मॉल और मिडकैप स्टॉक्स का साल रहा है। 2024 में हमें लार्जकैप का शानदार प्रदर्शन देखने को मिल सकता है।

अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) के मॉनेटरी पॉलिसी के नतीजों के बाद स्टॉक मार्केट्स में रौनक है। फेड ने अगले साल इंटरेस्ट रेट में कमी के संकेत दिए हैं। इससे कम से कम यह पक्का हो गया है कि इंटरेस्ट रेट अब बढ़ने नहीं जा रहा है। Kotak Mutual Fund के एमडी और सीईओ निलेश शाह (Nilesh Shah) ने फेड के फैसले के बाद स्टॉक मार्केट्स और इनवेस्टमेंट को लेकर कई अहम बातें बताईं। उन्होंने इंडिया को लेकर विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की संभावित रणनीति के बारे में भी चर्चा की। फेडरल रिजर्व लिक्विडिटी घटाए बगैर इंटरेस्ट रेट बढ़ाकर ग्रोथ और इनफ्लेशन में संतुलन बनाने की कोशिश करता आया है। शाह का मानना है कि फेड की दिक्कत यह है कि एक तरफ कर्ज का बोझ बहुत ज्यादा है। लेकिन, इनफ्लेशन को काबू में रखने के लिए उसे इंटरेस्ट रेट बढ़ाने पड़े हैं। अब हम उम्मीद कर सकते हैं कि आगे फेडरल रिजर्व का रुख नरम रहेगा।

अमेरिकी घटनाक्रम का इंडिया पर अच्छा असर पड़ेगा

शाह ने कहा कि फेडरल रिजर्व के रुख का अंदाजा लगाना मुश्किल रहा है। हालांकि, उसका मकसद ग्रोथ और इनफ्लेशन के बीच संतुलन बनाना रहा है। चिंता की बात यह है कि अमेरिका में फिस्कल डेफिसिट सरकार के रेवेन्यू के मुकाबले ज्यादा है। फेड की यह कोशिश रही है कि इंटरेस्ट रेट ऐसे लेवल पर बना रहे जिससे कर्ज के बोझ को आसानी से संभाला जा सके। अमेरिका में होने वाले घटनाक्रम का उभरते बाजारों को फायदा होगा। अमेरिका में बॉन्ड्स (यूएस ट्रेजरी) यील्ड घटने से इंडिया सहित उभरते बाजार में इनवेस्टमेंट बढ़ेगा। इंडियन मार्केट्स ने दूसरे उभरते मार्केट्स के मुकाबले ज्यादा रिटर्न दिए हैं। इससे यह विदेश निवेश में होने वाली वृद्धि का फायदा उठाने की अच्छी स्थिति में है।

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