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Market outlook: लगातार पांचवें कारोबारी सत्र में गिरावट रही जारी, नियर टर्म में कमजोरी कायम रहने की उम्मीद

Market trend : ऑटो,फार्मा,एफएमसीजी को छोड़कर बाकी सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए हैं। आईटी,मेटल,टेलीकॉम इंडेक्स में 2 फीसदी की गिरावट आई है। पिछले 12 सत्रों में से 11 सत्रों में निफ्टी आईटी इंडेक्स में गिरावट देखने को मिली है

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 24, 2025 पर 4:48 PM
Market outlook: लगातार पांचवें कारोबारी सत्र में गिरावट रही जारी, नियर टर्म में कमजोरी कायम रहने की उम्मीद
Market mood : कमजोर ग्लोबल संकेतों के बीच इंडेक्स निगेटिव नोट पर खुले और निफ्टी आज इंट्रा डे में 22,500 के करीब आ गया

Stock market : बेंचमार्क इंडेक्सों में 24 फरवरी को लगातार पांचवें कारोबारी सत्र में गिरावट जारी रही। आज निफ्टी 50 पिछले आठ महीनों के निम्नतम स्तर पर पहुंच गया। आईटी, रियल्टी और टेलीकॉम शेयरों में सबसे ज्यादा बिकवाली देखने को मिली। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 856.65 अंक या 1.14 फीसदी की गिरावट के साथ 74,454.41 पर और निफ्टी 242.55 अंक या 1.06 फीसदी की गिरावट के साथ 22,553.35 पर बंद हुआ। निफ्टी मिड और स्मॉलकैप इंडेक्सों में 1-1 फीसदी की गिरावट आई।

कमजोर ग्लोबल संकेतों के बीच इंडेक्स निगेटिव नोट पर खुले और निफ्टी आज इंट्रा डे में 22,500 के करीब आ गया। हालांकि,कारोबारी सत्र में ऑटो,फार्मा,एफएमसीजी शेयरों की अगुआई में कुछ रिकवरी देखने को मिली। निफ्टी में शेयरों में सबसे ज्यादा नुकसान विप्रो, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, इंफोसिस, टीसीएस, टाटा स्टील के शेयरों में हुआ। जबकि मएंडएम, आयशर मोटर्स, डॉ रेड्डीज लैब्स, हीरो मोटोकॉर्प और कोटक महिंद्रा बैंक आज निफ्टी के टॉप गेनर रहे।

ऑटो,फार्मा,एफएमसीजी को छोड़कर बाकी सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए हैं। आईटी,मेटल,टेलीकॉम इंडेक्स में 2 फीसदी की गिरावट आई है। पिछले 12 सत्रों में से 11 सत्रों में निफ्टी आईटी इंडेक्स में गिरावट देखने को मिली है।

मेहता इक्विटीज के प्रशांत तापसे ने कहा कि मंदी के मुख्य कारणों में कमजोर एशियाई संकेत और 21 फरवरी को अमेरिकी बाजारों में तेज गिरावट के साथ-साथ ट्रंप की जवाबी टैरिफ धमकियां और विदेशी फंडों की तरफ से लगातार हो रही बिकवाली शामिल है। उन्होंने कहा कि ऐसी आशंका है कि अमेरिका में महंगाई फिर से लौट रही है। इससे ग्लोबल ग्रोथ की संभावनाओं को नुकसान पहुंच सकता है,जो पहले से ही मंदी के दौर से गुजर रहा है।

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