नतीजों के सीजन का आगाज होने वाला है। बैंक शेयरों के नतीजे काफी अहम रहेंगे। एक्सिस बैंक (AXIS BANK) के नतीजे 17 जुलाई को आएंगे। वहीं, एचडीएफसी बैंक (HDFC BANK) और आईसीआईसीआई बैंक (ICICI BANK) के नतीजे 19 जुलाई को आएंगे। जबकि आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC FIRST BANK) के नतीजे 26 जुलाई को आएंगे। बैंकिंग सेक्टर के नतीजों पर मोतीलाल ओसवाल (MOFSL) ने खास रिपोर्ट निकाली है। आइए देखते हैं, ब्रोकरेज हाउस को बैंकिंग सेक्टर से कैसे नतीजों की उम्मीद है।
बैंकिंग के Q1 नतीजे पर MOFSL
MOFSL का कहना है कि वित्त वर्ष 2026 में ये सेक्टर सालाना आधार पर 11.5 फीसदी क्रेडिट ग्रोथ बरकरार रख सकता है। वित्त वर्ष 2026 की दूसरी छमाही में आने वाली रिकवरी से क्रेडिट ग्रोथ को बूस्ट संभव है। जून में 10.4 फीसदी के साथ डिपॉडिट ग्रोथ स्टेबल है। फंडिंग कॉस्ट धीरे-धीरे घट सकती है। MOFSL के कवरेज वाले सभी बैंकों के NIM में गिरावट संभव है। डिपॉजिट रेट में चरणबद्ध कमी से लिक्विडिटी बढ़ेगी। ब्रोकरेज का मानना है कि CRR कट से भी मार्जिन में कुछ राहत संभव है। बड़े निजी/PSU बैंकों के क्रेडिट कॉस्ट नियंत्रण में रह सकते हैं। रिटेल/MFI एक्सपोजर वाले छोटे बैंकों का क्रेडिट कॉस्ट हाई रहना संभव है।
MOFSL ने अपनी इस रिपोर्ट में आगे कहा है कि निजी बैंकों का मुनाफा सालाना आधार पर 2.5 फीसदी घट सकता है। FY25-27 में निजी बैंक की अर्निंग्स ग्रोथ में सालाना 15 फीसदी की बढ़त देखने को मिल सकती है। सलाना आधार पर सरकारी बैंकों का मुनाफा 4.8 फीसदी बढ़ सकता है। जबकि सालाना आधार पर NII फ्लैट रह सकते हैं। NIM में कमी से NII में तिमाही आधार पर 1.8 फीसदी गिरावट मुमकिन है। वित्त वर्ष 2025-27 में PSU बैंकों के मुनाफे में सालाना आधार पर 6 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिल सकती है। सरकारी बैंकों के एसेट क्वालिटी स्टेबल रह सकते हैं। कंट्रोल्ड स्लिपेजेज और मजबूत PCR के चलते स्टेबल एसेट क्वालिटी संभव है।
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