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स्कीम के साथ बीमा या दूसरे प्रोडक्ट नहीं जोड़ सकते म्यूचुअल फंड्स, SEBI का निर्देश

फंड हाउस इंश्योरेंस का फायदा उठाने के लिए सिप की न्यूनतम अवधि की शर्त रखते हैं। आम तौर पर यह अवधि करीब तीन साल होती है। सम अश्योर्ड सिप अमाउंट के 100 से 120 गुना के बीच होता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jun 22, 2022 पर 6:24 PM
स्कीम के साथ बीमा या दूसरे प्रोडक्ट नहीं जोड़ सकते म्यूचुअल फंड्स, SEBI का निर्देश
म्यूचुअल फंड हाउस इनवेस्टर्स को अट्रैक्ट करने के लिए अपनी स्कीमों के साथ इंश्योरेंस को जोड़ देते हैं।

SEBI ने Association of Mutual Funds in India को एक सलाह दी है। उसने इसमें कहा है कि एसोसिएशन अपने सभी सदस्यों को यह इनफॉर्म करे कि किसी मौजूदा या नए म्यूचुअल फंड स्कीम के साथ इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स बंडल नहीं होने चाहिए। इसका सीधा मतलब यह है कि फंड हाउस अपनी म्यूचुअल फंड स्कीमों के किसी तरह का एडिशिनल बेनेफिट ऑफर नहीं कर सकते।

म्यूचुअल फंड हाउस इनवेस्टर्स को अट्रैक्ट करने के लिए अपनी स्कीमों के साथ इंश्योरेंस को जोड़ देते हैं। ऐसा एक दशक से ज्यादा समय से चल रहा है। म्यूचुअल फंड्स हाउस अपने सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) के साथ इंश्योरेंस को बंडल करते हैं। सम अश्योर्ड आम तौर पर सिप अमाउंट से लिंक्ड होता है। इसकी अवधि सिप की अवधि जितनी होती है।

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फंड हाउस इंश्योरेंस का फायदा उठाने के लिए सिप की न्यूनतम अवधि की शर्त रखते हैं। आम तौर पर यह अवधि करीब तीन साल होती है। सम अश्योर्ड सिप अमाउंट के 100 से 120 गुना के बीच होता है।

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