Get App

SME की लिस्टिंग के लिए NSE ने और कड़े किए नियम, 1 सितंबर से यह नया रेगुलेशन होगा लागू

SME IPO सेगमेंट असामान्य रूप से उच्च स्तर के सब्सक्रिप्शन और उसके बाद होने वाले लिस्टिंग गेन के लिए चर्चा में रहा है। प्राइम डेटाबेस के डेटा के मुताबिक, साल 2024 में अब तक 144 SME ने अपने IPO लॉन्च किए हैं। इससे कुल 4,800 करोड़ रुपये जुटाए गए। पिछले कैलेंडर वर्ष 2023 में भी बड़े पैमाने पर SME IPO आए थे। 182 कंपनियां बाजार में आईं और कुल मिलाकर 4,686.11 करोड़ रुपये जुटाए गए

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Aug 23, 2024 पर 9:44 AM
SME की लिस्टिंग के लिए NSE ने और कड़े किए नियम, 1 सितंबर से यह नया रेगुलेशन होगा लागू
एक्सचेंज ने हाल ही में SME IPO के लिस्टिंग के दिन प्राइस मूवमेंट पर 90 प्रतिशत की सीमा लागू की थी।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) सितंबर से स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्ट होने वाले स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (SMEs) के लिए नियमों को और कड़ा करेगा। NSE ने कहा है कि केवल उन्हीं कंपनियों को SME सेगमेंट में लिस्ट होने की इजाजत दी जाएगी, जिनके पास आवेदन से पहले के तीन वित्त वर्षों में से कम से कम दो के लिए पॉजिटिव फ्री कैश फ्लो टू इक्विटी (FCFE) होगी।

FCFE उस नकदी की राशि को दर्शाता है, जो एक कारोबार जनरेट करता है और जो शेयरधारकों के बीच बांटे जाने के लिए उपलब्ध है। एक्सचेंज की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया है, "यह अतिरिक्त क्राइटेरिया 1 सितंबर 2024 को या उसके बाद फाइल सभी DRHPs के लिए लागू होगा। अन्य सभी क्राइटेरिया अपरिवर्तित रहेंगे। यह अगले आदेश तक लागू रहेगा।"

हाल ही में प्राइस मूवमेंट पर लागू हुई थी लिमिट

एक्सचेंज ने हाल ही में SME IPO के लिस्टिंग के दिन प्राइस मूवमेंट पर 90 प्रतिशत की सीमा लागू की थी।NSE ने 4 जुलाई को जारी एक सर्कुलर में कहा था, "SME प्लेटफॉर्म के IPO के लिए विशेष प्री-ओपन सेशन के दौरान एक्सचेंजों में ओपनिंग प्राइस डिस्कवरी/इक्वलीब्रियम प्राइस को स्टैंडर्डाइज करने के लिए, SME IPOs के लिए इश्यू प्राइस पर 90% तक की कुल सीमा तय करने का फैसला लिया गया है।"

सब समाचार

+ और भी पढ़ें