Get App

Paytm Buyback: 75% डिस्काउंट पर हैं शेयर तो भी बायबैक के फैसले पर बहस शुरू, बिजनेस मॉडल में कहां है खामी?

Paytm Buyback: पेटीएम के बॉयबैक पर चर्चाएं शुरू हो गई है कि क्या यह पूंजी का सही इस्तेमाल है? आमतौर पर शेयर बॉयबैक का फैसला कंपनी तब करती है जब उसके पास नगदी की अधिकता होती है तो वह इसे शेयरहोल्डर्स को इस विंडो के जरिए देने का फैसला करती है।

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Dec 10, 2022 पर 10:04 PM
Paytm Buyback: 75% डिस्काउंट पर हैं शेयर तो भी बायबैक के फैसले पर बहस शुरू, बिजनेस मॉडल में कहां है खामी?
Paytm Buyback को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई है कि क्या यह पूंजी का सही इस्तेमाल है?

Paytm Buyback: पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन 97 कम्यूनिकेशंस (One 97 Communications) ने गुरुवार को शेयर बाजारों को अपने बायबैक की योजना की जानकारी दी थी। इसके अगले दिन शेयरों में शानदार उछाल रही। हालांकि बायबैक को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई है कि क्या यह पूंजी का सही इस्तेमाल है? आमतौर पर शेयर बायबैक का फैसला कंपनी तब करती है जब उसके पास नगदी की अधिकता होती है तो वह इसे शेयरहोल्डर्स को इस विंडो के जरिए देने का फैसला करती है। सितंबर 2022 के नतीजे के मुताबिक पेटीएम के पास 9182 करोड़ रुपये की नगदी है जिसमें से 5600 करोड़ रुपये आईपीओ के जरिए जुटाए गए पैसों में से बचा हुआ फंड है। हालांकि पेटीएम के आईपीओ निवेशकों की पूंजी जब 75 फीसदी घट चुकी है तो ऐसे समय में शेयर बायबैक का फैसला क्यों लिया जा रहा है। इसे लेकर सभी तरह के जो सवाल उठ रहे हैं, उनके जवाब नीचे दिए जा रहे हैं।

कहां आ रही है दिक्कत

Paytm का बिजनेस मॉडल कारगर नहीं दिख रहा है। निवेशकों को इसके कारोबार में भरोसा कम है और उसके मैनेजमेंट में उससे भी कम। पेटीएम का मैनेजमेंट निवेशकों को भरोसा ही नहीं दिला पा रहा कि उसका कारोबारी मॉडल बेहतर है। कई इंस्टीट्यूशनल निवेशक पेटीएम से सम्मानजनक तरीके से यानी कि अगर अच्छा मुनाफा न मिले तो कम से कम नुकसान में निकला जा सके।

हालांकि ऐसी स्थिति बनती नहीं दिख रही है क्योंकि पहले ही यह इश्यू प्राइस से करीब 75 फीसदी डिस्काउंट पर है। पेटीएम के मैनेजमेंट ने अपनी तरफ से एनालिस्टों को अपने बिजनेस मॉडल और आगे के कदमों के बारे में समझाने की पूरी कोशिश की लेकिन कुछ दिनों तक मजबूती के बाद फिर कमजोरी दिखने लगी।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें