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बजट के बाद किन शेयरों से मिल सकता है स्थिर रिटर्न, क्या होनी चाहिए निवेशकों की स्ट्रैटेजी

बजट के बाद शेयर बाजार में आने वाला नया पैसा, हाई क्वालिटी वाले लेकिन कम कीमत वाले शेयरों में निवेश किए जाने की संभावना है, जिससे उनकी कीमतें बढ़ेंगी। छोटे-साइज वाले उपभोक्ता टिकाऊ सामान और ऑटो कुछ ट्रैक्शन देख सकते हैं, क्योंकि वे अत्यधिक वैल्यूड नहीं लगते हैं और सकारात्मक पक्ष पर हैरान करने वाली आय की संभावना रखते हैं

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Jul 24, 2024 पर 9:54 AM
बजट के बाद किन शेयरों से मिल सकता है स्थिर रिटर्न, क्या होनी चाहिए निवेशकों की स्ट्रैटेजी
शेयर बाजार में बिजली, रिन्यूएबल एनर्जी, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के स्टॉक उचित प्राइस वाले या ओवरप्राइस्ड लगते हैं।

पूर्ण बजट 2024 को पेश करते समय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से 4 स्पष्ट संदेश थे- पहला, इक्विटी निवेश को बाकी सभी चीजों से ऊपर नहीं रखा जा सकता; दूसरा, सरकार की ओर से संचालित पूंजीगत व्यय अब ग्रोथ का प्राइमरी ड्राइवर नहीं रह सकता; तीसरा, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और रोजगार सृजन एक समस्या क्षेत्र है, जिसे प्राथमिकता मिलनी चाहिए और चौथा यह कि वित्त मंत्री फिस्कल कंसालिडेशन को लेकर पूरी तरह गंभीर हैं।

अब अगर यह सोचें कि शेयर बाजार के निवेशकों के लिए इसके क्या मायने हैं तो पहला संदेश थोड़ा परेशान करने वाला है, जो लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म दोनों तरह के कैपिटल गेन्स टैक्स को बढ़ाने के प्रस्ताव से उपजा है। भले ही 2.5% लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स, इक्विटी बाजारों से पैसे मूव करने के लिए रिटर्न समीकरण को बहुत अधिक नहीं बदल सकता है, लेकिन शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स में वृद्धि निश्चित रूप से इक्विटी की चमक को कुछ हद तक कम कर सकती है, खासकर ऐसे समय में जब बाजार पहले से ही हाई वैल्यूएशन पर हैं।

कुछ मार्केट पार्टिसिपेंट्स कैपिटल गेन्स टैक्स में वृद्धि को इस बात के संकेत के रूप में देख रहे हैं कि सरकार इक्विटी बाजारों के लिए किसी भी तरह के प्रिफरेंशियल टैक्स ट्रीटमेंट को खत्म करना चाहेगी। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि यह बदलाव वित्त मंत्री की ओर से एक संकेत है कि इक्विटी बाजार में निवेश को निजी पूंजीगत व्यय से ऊपर नहीं रखा जाना चाहिए। बजट के बाद शेयर बाजार में आने वाला नया पैसा, हाई क्वालिटी वाले लेकिन कम कीमत वाले शेयरों में निवेश किए जाने की संभावना है, जिससे उनकी कीमतें बढ़ेंगी।

कौन से शेयर हैं ओवरप्राइस्ड

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