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मोटा मुनाफा कमाने के लिए रिटेल इनवेस्टर्स ने बदली स्ट्रैटेजी, IT सेक्टर से बाहर इन शेयरों में खेल रहे दांव

Tata Motors के 66 लाख से अधिक रिटेल शेयरहोल्डर हैं। रिटेल पार्टिसिपेशन में सबसे अधिक उछाल यस बैंक में देखने को मिला है। सरकारी कंपनी इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन में तीन साल में खुदरा शेयरधारकों की संख्या में 350 प्रतिशत की वृद्धि हुई है

Edited By: Ritika Singhअपडेटेड Jun 18, 2025 पर 11:44 PM
मोटा मुनाफा कमाने के लिए रिटेल इनवेस्टर्स ने बदली स्ट्रैटेजी, IT सेक्टर से बाहर इन शेयरों में खेल रहे दांव
TCS ने पिछले 3 वर्षों में लगभग 3 लाख खुदरा निवेशकों को खो दिया है।

भारत के रिटेल इनवेस्टर्स रणनीतिक बदलाव के दौर से गुजर रहे हैं। अब वे अच्छे मुनाफे की आस में आईटी क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों के शेयरों से आगे बढ़ रहे हैं। पिछले 3 वित्त वर्षों के लिए मनीकंट्रोल के एनालिसिस के मुताबिक, IRFC, यस बैंक, वोडाफोन आइडिया और सुजलॉन एनर्जी जैसी कंपनियों में रिटेल पार्टिसिपेशन में तेज बढ़ोतरी हुई है। दूसरी तरफ, भारत की बड़ी आईटी कंपनियों में रिटेल इनवेस्टर्स की दिलचस्पी घटी है।

देश की दूसरी सबसे ज्यादा वैल्यूएबल कंपनी TCS ने पिछले 3 वर्षों में लगभग 3 लाख खुदरा निवेशकों को खो दिया है और अब इसके पास कुल 20 लाख रिटेल शेयरहोल्डर हैं। Infosys में भी इसी तरह का ट्रेंड दिखा और इसके अब 24 लाख से अधिक खुदरा शेयरधारक हैं। Wipro, HCL Tech और Tech Mahindra के मामले में भी रिटेल पार्टिसिपेशन में कमी देखी गई है। यह बदलाव स्थिर चक्रवृद्धि रिटर्न के मुकाबले अचानक से तगड़े रिटर्न के लिए खुदरा निवेशकों की बढ़ती भूख का संकेत हो सकता है।

टाटा मोटर्स के पास सबसे ज्यादा रिटेल शेयरहोल्डर

टाटा मोटर्स के 66 लाख से अधिक रिटेल शेयरहोल्डर हैं। रिटेल पार्टिसिपेशन में सबसे अधिक उछाल यस बैंक में देखने को मिला है। बैंक ने 3 साल के दौरान लगभग 24 लाख नए इंडीविजुअल शेयरधारक जोड़े। अब इसके रिटेल शेयरहोल्डर्स की संख्या 62 लाख से अधिक हो गई है। वोडाफोन आइडिया के खुदरा निवेशकों की संख्या में 25 लाख की वृद्धि हुई, और कुल संख्या लगभग 60 लाख तक पहुंच गई। इसके बाद है रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर की कंपनी सुजलॉन एनर्जी। इसके अब 56 लाख से अधिक रिटेल इनवेस्टर हैं। जीटीएल इंफ्रा और जयप्रकाश पावर वेंचर्स जैसी इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की पिछड़ी कंपनियों ने भी रिटेल इनवेस्टर्स को लुभाया है। इन कंपनियों के 25-25 लाख से अधिक शेयरधारक हैं।

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