देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह आज हमारे बीच नहीं है। भारतीय शेयर बाजार ने अपना सबसे सुनहरा सफर उनकी ही अगुआई में तय किया था। वे वह नेता थे जिन्होंने भारत को एक नई आर्थिक दिशा दी, और इस बदलाव ने भारतीय शेयर बाजार को भी एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया। चाहे वह 1991 का आर्थिक संकट हो या फिर 2004 से 2014 के बीच उनका प्रधानमंत्री का कार्यकाल, भारतीय शेयर बाजार ने इस दौरान न सिर्फ ऐतिहासिक छलांग लगाई, बल्कि यह दुनिया भर के निवेशकों के लिए निवेश का सबसे पसंदीदा जगह भी बन गया।
