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बॉन्ड यील्ड में उछाल से घटा ज्यादातर बैंकों का मुनाफा, जानिए आगे कैसी रहेगी तस्वीर

बॉन्ड की कीमत और उसकी यील्ड में विपरीत संबंध होता है। बॉन्ड की कीमत गिरने पर उसकी यील्ड बढ़ जाती है। बॉन्ड की कीमत बढ़ने पर उसकी यील्ड घट जाती है। बॉन्ड यील्ड बढ़ना बैंकों के लिए अच्छी खबर नहीं है। इससे उन्हें लॉस होता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Aug 09, 2022 पर 2:59 PM
बॉन्ड यील्ड में उछाल से घटा ज्यादातर बैंकों का मुनाफा, जानिए आगे कैसी रहेगी तस्वीर
10 साल के बेंचमार्क बॉन्ड की यील्ड करीब 7.35 फीसदी है। अप्रैल के मुकाबले यह 100 बेसिस प्वॉइंट्स (1 फीसदी) बढ़ चुका है।

इंडिया का फिक्स्ड इनकम मार्केट (Fixed Income Market) बैंकों के लिए सिरदर्द बन गया है। इसकी वजह मॉनेटरी पॉलिसी (Monetary Policy) में बदलाव और बढ़ता इनफ्लेशन (Inflation) है। बॉन्ड यील्ड (Bond Yield) में उछाल से बैंकों को ट्रेजरी लॉस (Treasury Loss) का सामना करना पड़ा है। इस वजह से इस फाइनेंशियल ईयर की पहली तिमाही में ज्यादातर बैंकों के प्रॉफिट में तेज गिरावट आई है।

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) का ऑपरेटिंग प्रॉफिट जून तिमाही में साल दर साल आधार पर 33 फीसदी घट गया। इसमें इसके बॉन्ड पोर्टफोलियो को लगी 6,549 करोड़ रुपये की चोट का बड़ा हाथ है। दूसरे बैंकों के मुनाफे पर भी इसका अलग-अलग तरह से असर देखने को मिला है।

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आपके लिए यह समझ लेना जरूरी है कि बॉन्ड की कीमत और उसकी यील्ड में विपरीत संबंध होता है। बॉन्ड की कीमत गिरने पर उसकी यील्ड बढ़ जाती है। बॉन्ड की कीमत बढ़ने पर उसकी यील्ड घट जाती है। बॉन्ड यील्ड बढ़ना बैंकों के लिए अच्छी खबर नहीं है। इससे उनके बॉन्ड पोर्टफोलियो को लॉस होता है। इसकी वजह यह है कि पोर्टफोलियो में शामिल बॉन्ड की वैल्यू घट जाती है।

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