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Dollar के मुकाबले रुपये में तेज गिरावट से इकोनॉमी को किस तरह की दिक्कत का सामना करना पड़ेगा?

डॉलर के मुकाबले रुपया में कमजोरी 24 नवंबर को भी जारी रही। 21 नवंबर को डॉलर के मुकाबले रुपया 89.49 के लेवल पर बंद हुआ था। एक्सपर्टस का कहना है कि रुपये में तेज गिरावट का असर स्टॉक मार्केट में सेंटिमेंट पर पड़ता है

Edited By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Nov 24, 2025 पर 2:58 PM
Dollar के मुकाबले रुपये में तेज गिरावट से इकोनॉमी को किस तरह की दिक्कत का सामना करना पड़ेगा?
डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी का असर अलग-अलग सेक्टर पर अलग-अलग तरह से पड़ता है।

डॉलर के मुकाबले रुपया 24 नवंबर को 90 के करीब पहुंच गया। 21 नवंबर को डॉलर के मुकाबले यह 89.49 के लेवल पर बंद हुआ था। डॉलर की डिमांड बढ़ने का असर रुपया पर पड़ा है। डॉलर के मुकाबले रुपये में तेज गिरावट का असर शेयर बाजार पर पड़ता है, क्योंकि इंपोर्टेड इनफ्लेशन का खतरा बढ़ जाता है। इनपुट कॉस्ट भी बढ़ जाती है।

दूसरे उभरते देशों की करेंसी पर दबाव नहीं

रुपये (Rupee) में यह कमजोरी तब आई है, जब ग्लोबल मार्केट्स में स्थिति सामान्य है। इससे ट्रेडर्स थोड़े हैरान हैं। सीआर फॉरेक्स एडवाइजर्स के मुताबिक, रुपये में गिरावट का यह मामला अलग दिख रहा है, क्योंकि Dollar Index में स्थिरता है। क्रूड ऑयल की कीमतों में भी उतारचढ़ाव नहीं है। दूसरे उभरते देशों की करेंसी पर भी दबाव नहीं है।

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