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SEBI चीफ पर कांग्रेस का नया हमला: लिस्टेड सिक्योरिटीज में की ₹37 करोड़ की ट्रेडिंग, चाइनीज फंड में किया निवेश

सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) पर कांग्रेस पार्टी ने नया हमला बोला है। पार्टी ने आरोप लगाया कि माधबी पुरी बुच ने SEBI में रहते हुए न केवल लिस्टेड सिक्योरिटीज में 36.9 करोड़ रुपये की ट्रेडिंग की, बल्कि उन्होंने चाइनजीज फंड्स में भी निवेश किया

Moneycontrol Newsअपडेटेड Sep 14, 2024 पर 7:21 PM
SEBI चीफ पर कांग्रेस का नया हमला: लिस्टेड सिक्योरिटीज में की ₹37 करोड़ की ट्रेडिंग, चाइनीज फंड में किया निवेश
माधबी पुरी बुच और उनके पति ने शुक्रवार को सभी आरोपों का खंडन किया

सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) पर कांग्रेस पार्टी ने नया हमला बोला है। पार्टी ने आरोप लगाया कि माधबी पुरी बुच ने SEBI में रहते हुए न केवल लिस्टेड सिक्योरिटीज में 36.9 करोड़ रुपये की ट्रेडिंग की, बल्कि उन्होंने चाइनजीज फंड्स में भी निवेश किया। कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता पवन खेडा ने शनिवार 14 सितंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए ये आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि माधबी बुच ने ये निवेश 2017 से 2023 के बीच किए।

पवन खेड़ा ने कहा, "पिछले कई दिनों से लगातार हमने SEBI चेयरपर्सन माधबी पुरी के विषय में कई खुलासे किए। हमने कई बैंको और कंपनियों से सवाल किए, इनमें से कुछ ने जवाब में बताया कि हमने अगोरा (Agora) को पैसा दिया था। लेकिन हमने जो सवाल महिंद्रा एंड महिंद्रा (Mahindra & Mahindra) कंपनी से किए थे, अभी तक उसका जवाब नहीं आया है। जिसमें हमने बताया था कि महिंद्रा एंड महिंद्रा ने माधबी के पति धवल बुच को और उनकी कंपनी 'अगोरा' को पैसा दिया था।"

उन्होंने कहा, "माधबी पुरी बुच, SEBI में रहते हुए साल 2017-2023 के बीच लिस्टेड सिक्योरिटीज में ट्रेडिंग कर रही थीं। इस दौरान उन्होंने करीब 37 करोड़ की ट्रेडिंग की, जो कि सीधे-सीधे SEBI के नियमों का उल्लंघन है। ऐसे में सवाल है कि माधबी ने क्यों झूठ बोला कि Agora एक निष्क्रिय (Dormant) कंपनी है। फिर माधबी ने झूठ बोला कि जब मैं अपना घर किराए पर दे रही थी, तब मुझे नहीं पता था कि वह कंपनी वॉकहार्ट (Wockhardt) से जुड़ी है।"

पवन खेड़ा ने आगे कहा, "माधबी पुरी बुच के पास साल 2017-21 के बीच में कुछ विदेशी एसेट्स थे। ऐसे में हम 3 सवाल पूछना चाहते हैं। पहला- माधबी ने सरकार की किस एजेंसी को पहली बार अपने विदेशी एसेट्स की सूचना दी थी? दूसरा- क्या माधबी 'अगोरा पार्टनर्स PTE सिंगापुर' से जुड़ी नहीं थीं? तीसरा- माधबी चाइनीज फंड्स में निवेश क्यों कर रही थीं?"

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