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SEBI F&O new rules: एफएंडओ के नए नियमों का BSE और NSE पर पड़ेगा कितना असर?

बीएसई सेंसेक्स से जुड़े वीकली डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स को जारी रखेगा। सेबी के नए नियम के मुताबिक, हर स्टॉक एक्सचेंज को सिर्फ एक वीकली ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट की इजाजत होगी। अभी बीएसई में सूचकांकों से जुड़े दो कॉन्ट्रैक्ट्स-BSE Sensex और BSE Bankex में ट्रेडिंग होती है

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 03, 2024 पर 2:12 PM
SEBI F&O new rules: एफएंडओ के नए नियमों का BSE और NSE पर पड़ेगा कितना असर?
डेरिवेटिव ट्रेडिंग के लिहाज से एनएसई इंडिया का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। इसमें वीकली एक्सपायरी वाले चार कॉन्ट्रैक्ट में ट्रेडिंग होती है।

सेबी के फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (एफएंडओ) के नए नियमों में से कुछ 20 नवंबर से लागू हो जाएंगे। नियमों का सख्त बनाने का असर इक्विटी डेरिवेटिव ट्रेडिंग पर पड़ेगा। अभी स्टॉक डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग में एनएसई का पलड़ा भारी है। वॉल्यूम के मामले में वह बीएसई से काफी आगे है। सवाल है कि नए नियमों का बीएसई और एनएसई पर कितना असर पड़ेगा?

BSE के शेयरों में उछाल

बीएसई सेंसेक्स से जुड़े वीकली डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट को जारी रखेगा। इस मामले से जुड़े दो लोगों ने यह जानकारी दी। सेबी के नए नियम के मुताबिक, हर स्टॉक एक्सचेंज को सिर्फ एक वीकली ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट की इजाजत होगी। 3 अक्टूबर को बीएसई के शेयरों में तेजी देखने को मिली। 1:33 बजे बीएसई का शेयर 4 फीसदी से ज्यादा चढ़कर 4,018 रुपये था।

1 अक्टूबर को नए नियमों का ऐलान

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