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SEBI ने जेन स्ट्रीट के खिलाफ कराई थी बड़ी जांच, सभी डॉक्यूमेंट्स नहीं देने के पीछे हैं कानूनी आधार

शेयर बाजार की रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने अमेरिकी ग्लोबल ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट (Jane Street) के खिलाफ जो अंतरिम आदेश जारी किया था, वह केवल एक आंतरिक समीक्षा पर नहीं बल्कि काफी व्यापक जांच पर आधारित था। इस मामले से वाकिफ सूत्रों ने मनीकंट्रोल को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि SEBI ने नियमों के तहत सभी जरूरी डेटा जेन स्ट्रीट को उपलब्ध कराया था

Edited By: Vikrant singhअपडेटेड Sep 15, 2025 पर 2:25 PM
SEBI ने जेन स्ट्रीट के खिलाफ कराई थी बड़ी जांच, सभी डॉक्यूमेंट्स नहीं देने के पीछे हैं कानूनी आधार
Jane Street case: SAT ने सेबी से तीन हफ्तों में यह स्पष्ट करने को कहा है कि किन डॉक्यूमेंट्स को साझा नहीं किया जा सकता

शेयर बाजार की रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने अमेरिकी ग्लोबल ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट (Jane Street) के खिलाफ जो अंतरिम आदेश जारी किया था, वह केवल एक आंतरिक समीक्षा पर नहीं बल्कि काफी व्यापक जांच पर आधारित था। इस मामले से वाकिफ सूत्रों ने मनीकंट्रोल को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि SEBI ने नियमों के तहत सभी जरूरी डेटा जेन स्ट्रीट को उपलब्ध कराया था। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि SEBI के पास सभी आंतरिक नोट नहीं शेयर का अधिकार है और सिक्योरिटीज अपीलेट ट्रिब्यूनल (SAT) के कई पुराने फैसलों से भी यह बात साबित होती है।

इस बारे में जेन स्ट्रीट और SEBI को भेजे गए ईमेल का खबर लिखे जाने तक जवाब नहीं आया था।

Jane Street ने सेबी के अंतरिम आदेश को SAT में चुनौती दी है। जेन स्ट्रीट का तर्क है कि सेबी ने अपने ही सर्विलांस डिपार्टमेंट की उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया जिसमें कंपनी को किसी तरह की हेराफेरी से मुक्त बताया गया था। 11 सितंबर 2024 को सौंपी गई यह प्रारंभिक रिपोर्ट, सीमित ट्रेड्स पर आधारित थी और इसमें मामले को आगे न बढ़ाने की सिफारिश की गई थी।

यह रिपोर्ट 13 नवंबर 2024 को आई NSE की एनालिसिस रिपोर्ट पर आधारित थी, जिसमें 15 जुलाई 2023 से 31 जनवरी 2024 के बीच के पहले एक घंटे के कैश सेगमेंट ट्रेड्स की जांच की गई थी। इस रिपोर्ट में मुख्य रूप से फ्रंटरनिंग के किसी भी संकेत की जांच पर फोकस किया गया था।

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