Get App

SEBI news: वायदा कारोबार पर SEBI के अहम प्रस्ताव, वायदा बैन में बार-बार नहीं आएंगे शेयर

सेबी का उद्देश्य है कि बार-बार शेयर वायदा बैन में ना जाए। अभी ऑप्शंस के नोशनल वैल्यू की वजह से मार्केट वाइड पोजीशन लिमिट जल्दी 95 फीसदी के पार हो जाती है। सेबी चहती है कि इंडेक्स डेरिवेटिव पोजिशन लिमिट में भी बदलाव किया जाना चाहिए। इसके साथ ही SEBI, MWPL के कैलकुलेशन का फॉर्मूला भी बदलना चाहती है

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 25, 2025 पर 11:38 AM
SEBI news: वायदा कारोबार पर SEBI के अहम प्रस्ताव, वायदा बैन में बार-बार नहीं आएंगे शेयर
अभी ऑप्शंस ओपन इंटरेस्ट में स्ट्राइक प्राइस का नोशनल वैल्यू लेते हैं। डेल्टा बेस्ड OI में स्ट्राइक के डेल्टा के हिसाब से कैलकुलेशन होगा। OTM कॉल की डेल्टा के हिसाब से गणना की जाएगी

SEBI news: मार्केट रेगुलेटर सेबी ने वायदा बाजार पर अहम कंसलटेशन पेपर जारी किया है। सेबी चाहता है कि शेयर बार-बार वायदा बैन में ना आए। इसके लिए रेगुलेटर ने OI कैलकुलेशन का फॉर्मूला बदलने की वकालत की है। वायदा पर SEBI के इस कंसलटेशन पेपर में सिफारिश की गई है कि ओपन इंटरेस्ट कैलकुलेशन का तरीका बदला जाना चाहिए। अभी F&O में हर ट्रेडर के ओपन सौदे जोड़ते हैं। ऑप्शंस में नोशनल वैल्यु के हिसाब से OI (ओपन इंटरेस्ट) कैलकुलेट करते हैं। लेकिन अब फ्यूचर्स इक्विलेंट या डेल्टा बेस्ड OI कैलकुलेशन का प्रस्ताव है।

सेबी का उद्देश्य है कि बार-बार शेयर वायदा बैन में ना जाए। अभी ऑप्शंस के नोशनल वैल्यू की वजह से MWPL(मार्केट वाइड पोजीशन लिमिट ) जल्दी 95 फीसदी के पार हो जाती है। सेबी चहती है कि इंडेक्स डेरिवेटिव पोजिशन लिमिट में भी बदलाव किया जाना चाहिए। इसके साथ ही SEBI, MWPL के कैलकुलेशन का फॉर्मूला भी बदलना चाहती है।

ब्रिटेन से आने वाली स्कॉच व्हिस्की पर सरकार घटा सकती है इंपोर्ट ड्यूटी,फोकस में यूनाइटेड स्पिरिट्स

क्या है डेल्टा बेस्ड OI कैलकुलेशन?

सब समाचार

+ और भी पढ़ें