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Sharp Chucks IPO Listing: 14% प्रीमियम पर मार्केट में एंट्री, खुदरा निवेशकों ने खूब लगाई थी बोली

Sharp Chucks IPO Listing: मशीनों में इस्तेमाल होने वाले अहम पार्ट्स बनाने वाली शार्प चक्स एंड मशीन्स (Sharp Chucks And Machines) की आज NSE के SME प्लेटफॉर्म पर एंट्री हुई। इस आईपीओ में खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित हिस्सा पहले ही दिन पूरा भर गया था। इस आईपीओ की तहत नए शेयर जारी हुए हैं और ऑफर फॉर सेल के तहत भी शेयरों की बिक्री हुई है। चेक करें कि IPO के पैसों का क्या होगा?

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Oct 12, 2023 पर 5:03 PM
Sharp Chucks IPO Listing: 14% प्रीमियम पर मार्केट में एंट्री, खुदरा निवेशकों ने खूब लगाई थी बोली
Sharp Chucks IPO Listing: शॉर्प चक्स एंड मशीन्स गियर, डॉग क्लच, स्कफफोल्डिंग, सी क्लैम्प स्पैनर, रेंच एक्स, मशीनिस्ट हैमर, फायरमैन एक्स, ड्रिलिंग हैमर और कैंप एक्स जैसे फॉर्जिंग प्रोडक्ट्स तैयार करती है। आज इसकी स्टॉक मार्केट में एंट्री हुई है।

Sharp Chucks IPO Listing: मशीनों में इस्तेमाल होने वाले अहम पार्ट्स बनाने वाली शार्प चक्स एंड मशीन्स (Sharp Chucks And Machines) के शेयरों की आज NSE के SME प्लेटफॉर्म पर शानदार एंट्री हुई। इस आईपीओ में खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित हिस्सा पहले ही दिन पूरा भर गया था और चार दिन में तो उनका हिस्सा 63 गुना से अधिक भरा था। आईपीओ के तहत 58 रुपये के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज NSE SME पर इसकी 66 रुपये के भाव पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशकों को 13.79 फीसदी का लिस्टिंग गेन (Sharp Chucks Listing Gain) मिला। हालांकि लिस्टिंग के बाद शेयर फिसल गए। यह 64.50 रुपये (Sharp Chucks Share Price) पर बंद हुआ है यानी कि पहले दिन आईपीओ निवेशक अब 11 फीसदी मुनाफे में हैं।

Sharp Chucks IPO में खुदरा निवेशकों ने लगाए थे जमकर पैसे

शार्प चक्स एंड मशीन्स का 16.84 करोड़ रुपये का आईपीओ 29 सितंबर-5 अक्टूबर तक खुला रहेगा। इस आईपीओ को खुदरा निवेशकों का शानदार रिस्पांस मिला था और उनके लिए आरक्षित आधा हिस्सा पहले ही दिन पूरा भर गया था और चार दिनों में 63.69 गुना भर गया था। ओवरऑल यह 54.20 गुना सब्सक्राइब हुआ। आईपीओ के तहत 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 9,75,484 नए शेयर जारी हुए हैं। इसके अलावा 19,28,516 शेयरों की ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत बिक्री हुए हैं। ओएफएस के तहत जो शेयर बिके हैं, उसका पैसा बेचने वाले शेयरहोल्डर्स को मिलेगा। वहीं नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कंपनी वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।

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