करीब दो हफ्ते पहले कंपनियों के नतीजों का सीजन शुरू हुआ था। अब तक आए दूसरी तिमाही के नतीजों ने निराश किया है। पिछले फाइनेंशियल ईयर में निफ्टी 50 कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ 20.3 फीसदी थी। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने कहा है कि इस फाइनेंशियल ईयर में अर्निंग्स ग्रोथ सिर्फ 5.8 फीसदी रह सकती है। दूसरी तिमाही में कंज्यूमर कंपनियों के लिए भी अच्छी खबर नहीं आई है। सुस्त पड़ती डिमांड का असर कंपनियों के प्रदर्शन पर पड़ता दिख रहा है। ऑटो कंपनियों की वॉल्यूम ग्रोथ कमजोर रही है। कंज्यूमर स्टेपल्स कंपनियों ने प्रोडक्ट्स की कीमतें बढ़ाई हैं, जिसका असर उनके प्रदर्शन पर पड़ा है। दूसरी तिमाही में उन्हें क्विक कॉमर्स कंपनियों से भी कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा है।
