मार्केट अनुमान के मुताबिक कमजोर खुले। अब फोकस इजरायल-हमास के टकराव पर हो गया है। अब वे लोग भी लोअर लेवल पर शेयरों को खरीदने के मौके का इंतजार कर रहे हैं, जो पहले मार्केट में बड़े करेक्शन का अनुमान जता रहे थे। यह ऐसा बुल मार्केट है, जिसने कई चुनौतियों को पार किया है। अब यह माना जा रहा है कि थोड़े समय के लिए क्रूड में उछाल को छोड़ दें तो मध्य-पूर्व में हालिय घटनाक्रम का ज्यादा असर लॉन्ग टर्म स्टोरी पर नहीं पड़ेगा। फिलहाल गिरावट पर खरीदारी की स्ट्रेटेजी सही दिख रही है। इंडिया की सबसे बड़ी आईटी कंपनी TCS बायबैक प्रोग्राम पर विचार कर रही है। इसके शेयरों में इस खबर का असर दिख सकता है। लेकिन, शॉर्ट टर्म में इसके शेयरों पर प्रॉफिट को लेकर मैनेजमेंट की कमेंट्री और अमेरिकी इकोनॉमी के आउटलुक का ज्यादा असर दिखेगा। बायबैक के प्रपोजल पर फिर से विचार इंडियन आईटी कंपनियों की मजबूती का संकेत है। कंपनी के मैनेजमेंट के पास जब कैश रिजर्व को सही जगह इस्तेमाल करने के मौके नहीं होते हैं तो उसे शेयरहोल्डर्स को लौटा देना सही है। पहली तिमाही के नतीजों के बाद आईटी सेक्टर का आउटलुक पहले से बेहतर दिख रहा है। लेकिन, अब भी कोई तेजी पर दांव लगाता नहीं दिख रहा है।