इंडियन मार्केट्स के बुरे दिन अब खत्म हो चुके हैं। अब इंडियन मार्केट्स के अच्छे दिन आने वाले हैं। दरअसल, इंडियन मार्केट्स के बारे में विदेशी ब्रोकरेज फर्मों की सोच बदलती दिख रही है। उनका मानना है कि इंडियन मार्केट्स में हालात बदलने जा रहे हैं। बाजार करीब एक साल के कंसॉलिडेशन से बाहर निकलने को तैयार है। पिछले साल अक्तूबर में इंडियन मार्केट्स में गिरावट शुरू हुई थी। बीच-बीचे में आई हल्की तेजी को छोड़ दिया जाए तो इस दौरान बाजार का सेंटीमेंट कमजोर रहा है। बीते एक साल में सेंसेक्स का रिटर्न सिर्फ 5.5 फीसदी रहा है, जबकि निफ्टी ने 6.48 फीसदी का रिटर्न दिया है। यह ताइवान, दक्षिण कोरिया और चीन के स्टॉक मार्केट्स के रिटर्न से बहुत कम है।
