कैपिटल मार्केट्स साइकिल में चलता है। एक समय यह पीक पर होता है तो दूसरे समय इसमें करेक्शन दिखता है। इस तेजी और करेक्शन के बारे में पहले से अंदाजा लगाना मुश्किल होता है। मार्केट में उतारचढ़ाव के दौरान इनवेस्टर्स पर डर हावी हो जाता है। ऐसे में वे ऐसे फैसले लेते हैं जो लंबी अवधि के इनवेस्टमेंट के टारगेट के लिए अच्छा नहीं होता है। लेकिन, डिसिप्लीन्ड एप्रोच और मार्केट डायनामिक्स की समझ से निवेशक के लिए इसका सामना करना आसान हो जाता है।
