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कल 12 सितंबर को कई टुकड़ों में बंट जाएगा यह शेयर, खरीदने की मची लूट, 4% उछला भाव

Varun Beverages Share price: वरुण बेवरेजेज के शेयर बुधवार 11 सितंबर को 4 फीसदी से अधिक उछलकर 1,588 रुपये के स्तर तक पहुंच गए। कंपनी के शेयरों में यह तेजी उसके स्टॉक स्प्लिट के ठीक एक दिन पहले आई है। वरुण बेवरेजेज अपने शेयरों को 2:5 के अनुपात में बांट रही है यानी स्टॉक स्प्लिट कर रही है। इस स्टॉक स्प्लिट के लिए कल 12 सितंबर को रिकॉर्ड डेट है

Moneycontrol Newsअपडेटेड Sep 11, 2024 पर 4:51 PM
कल 12 सितंबर को कई टुकड़ों में बंट जाएगा यह शेयर, खरीदने की मची लूट, 4% उछला भाव
Varun Beverages Shares: वरुण बेवरेजेज के स्टॉक स्प्लिट के लिए कल 12 सितंबर को रिकॉर्ड डेट है

Varun Beverages Share price: वरुण बेवरेजेज के शेयर बुधवार 11 सितंबर को 4 फीसदी से अधिक उछलकर 1,588 रुपये के स्तर तक पहुंच गए। कंपनी के शेयरों में यह तेजी उसके स्टॉक स्प्लिट के ठीक एक दिन पहले आई है। वरुण बेवरेजेज अपने शेयरों को 2:5 के अनुपात में बांट रही है यानी स्टॉक स्प्लिट कर रही है। इस स्टॉक स्प्लिट के लिए कल 12 सितंबर को रिकॉर्ड डेट है। इसका मतलब कल से इसके शेयर खरीदने वाले निवेशकों को स्टॉक स्प्लिट का लाभ नहीं मिलेगा।

वरुण बेवरेजेज ने बताया था कि उसके बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने 12 सितंबर को रिकॉर्ड डेट तय किया है। रिकॉर्ड डेट वह तारीख होती है, जिसके आधार पर कंपनी यह तय करती है कौन से उसके शेयरधारक स्टॉक स्प्लिट के लिए योग्य है। स्टॉक स्प्लिट के तहत कंपनी अपने 5 रुपये के फेस वैल्यू प्रत्येक शेयर को तोड़कर 2 रुपये के फेस वैल्यू वाले शेयर में बांटेगी। इसका मतलब है कि कंपनी के प्रत्येक योग्य शेयरधारक को हर 2 शेयर को 5 शेयरों में बांटा जाएगा।

बता दें कि इससे पहले जून 2023 में भी वरुण बेवरेजेज ने अपने शेयरों का 1:2 के अनुपात में बांटा था। उस वक्त कंपनी के 10 रुपये के फेस वैल्यू वाले प्रत्येक शेयर को 5 रुपये के फेस वैल्यू वाले 2 शेयरों में बांटा गया था।

आमतौर पर कंपनियां अपने शेयरों का दाम कम करने के लिए स्टॉक स्प्लिट का सहारा लेती है। स्टॉक स्प्लिट से उनके शेयरों का भाव घट जाता है और यह छोटे निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक बन जाता है। हालांकि यह ध्यान रखना चाहिए कि स्टॉक स्प्लिट से कंपनी की मार्केट वैल्यू या शेयरधारकों के पोर्टफोलियो में कोई बदलाव नहीं आता है। स्टॉक स्प्लिट से सिर्फ शेयरों की संख्या बढ़ जाती है, जिससे स्टॉक में लिक्विडिटी पहले से अधिक हो जाती है।

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