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QIP क्या है, कंपनियों के लिए फंड जुटाने का यह पसंदीदा रास्ता क्यों बन गया है?

QIP कंपनियों के लिए बाजार से पूंजी जुटाने का एक टूल है। QIB में पब्लिक फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस, शेड्युल्ड कमर्शियल बैंक, म्यूचुअल फंड, बीमा कंपनियां, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक और विदेशी संस्थागत निवेशक शामिल होते हैं जो QIP में भाग लेते हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 24, 2024 पर 4:30 PM
QIP क्या है, कंपनियों के लिए फंड जुटाने का यह पसंदीदा रास्ता क्यों बन गया है?
अगर इश्यू का आकार 250 करोड़ रुपये से ज्यादा है तो कम से कम पांच खरीदार होने चाहिए। किसी भी एक खरीदार को 50 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी आवंटित नहीं की जा सकती

शेयर बाजार में तेजी के साथ कई कंपनियां विभिन्न उद्देश्यों के लिए पूंजी जुटाने की होड़ में हैं। पूंजी जुटाने की इच्छुक अधिकांश कंपनियों के लिए क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (क्यूआईपी) मार्ग पसंदीदा मार्ग बनता जा रहा है। यहां हम क्यूआईपी को डिकोड करते हुए ये बताने जा रहे हैं कंपनियां इसे फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफरिंग (एफपीओ) या राइट्स इश्यू जैसे पारंपरिक विकल्पों की तुलना में क्यों ज्यादा पसंद करती हैं।

सबसे पहले जानें QIP क्या है

यह कंपनियों के लिए बाजार से पूंजी जुटाने का एक टूल है। इसके जरिए लिस्टेड कंपनियां नए इक्विटी शेयर, पूर्ण और आंशिक रूप से परिवर्तनीय डिबेंचर, या इक्विटी शेयरों में परिवर्तनीय वारंट के अलावा कोई भी सिक्यूरिटी जारी करके योग्य संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) से धन जुटा सकती हैं।

ये योग्य संस्थागत खरीदार (क्यूआईबी) कौन हैं?

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