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Job Loss: हीरे की फीकी चमक ने बढ़ाई दिक्कतें, सूरत में 20000 की गई नौकरी, 2008 जैसी मंदी की आशंका ने डराया

विदेशों में हीरे की मांग कम होने का झटका सूरत में कामगारों को इसलिए लगा क्योंकि दुनिया का 80 फीसदी बिकने वाला हीरा यहीं पॉलिश किया जाता है और कट और पॉलिश्ड डायमंड्स का सबसे बड़ा बाजार अमेरिका है और उसके बाद चीन है।

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Jan 06, 2023 पर 1:10 PM
Job Loss: हीरे की फीकी चमक ने बढ़ाई दिक्कतें, सूरत में 20000 की गई नौकरी, 2008 जैसी मंदी की आशंका ने डराया
सूरत में हीरे की इंडस्ट्री कितनी बड़ी है, इसका अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि यहां 4 हजार कटिंग और पॉलिशिंग यूनिट्स में करीब 8 लाख को रोजगार मिलता है।

पश्चिमी देशों और चीन में पिछले एक महीने से कट और पॉलिश्ड डायमंड्स की मांग में बेतहाशा गिरावट हुई है। इसके चलते सूरत में करीब 20 हजार लोगों को अपने काम से हाथ धोना पड़ गया। एक मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है लेकिन मनीकंट्रोल इस दावे के सत्यता की पुष्टि नहीं कर सकता है। विदेशों में हीरे की मांग कम होने का झटका सूरत में कामगारों को इसलिए लगा क्योंकि दुनिया का 80 फीसदी बिकने वाला हीरा यहीं पॉलिश किया जाता है और कट और पॉलिश्ड डायमंड्स का सबसे बड़ा बाजार अमेरिका है और उसके बाद चीन है। सूरत में हीरे की इंडस्ट्री कितनी बड़ी है, इसका अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि यहां 4 हजार कटिंग और पॉलिशिंग यूनिट्स में करीब 8 लाख को रोजगार मिलता है।

वर्किंग डेज में हो रही कटौती

सूरत डायमंड एसोसिएशन (SDA) के सेक्रेटरी Damji Mavani का कहना है कि मांग में कटौती के चलते प्लांट सिर्फ 60 से 70 फीसदी क्षमता से चल रहे हैं। गुजरात में डायमंड वर्कर्स यूनियन के वाइस प्रेसिडेंट Bhavesh Tank का कहना है कि सूरत के डायमंड सिटी पर 2008 जैसी मंदी के संकेत डरा रहे है। भवेश का कहना है कि ऑर्डर बहुत कम मिल रहे हैं जिसके चलते वर्कर्स की संख्या में कटौती की जा रही है। कुछ जगहों पर तो वर्किंग डेज भी कम किए जा रहे हैं। ताकि जब वर्कर्स काम न करें तो उन्हें पेमेंट न करना पड़े।

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