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PM Modi Visit Ukraine: यूक्रेन की राजधानी कीव पहुंचे पीएम मोदी, जेलेंस्की से होगी मुलाकात, बोले- 'भारत शांति के पुल की तरह काम करेगा'

PM Narendra Modi Visit Ukraine: पीएम नरेंद्र मोदी की यूक्रेन यात्रा मॉस्को की यात्रा के छह सप्ताह बाद हो रही है। भारत ने यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की अब तक निंदा नहीं की है। वह बातचीत और कूटनीति के माध्यम से संघर्ष के समाधान की अपील करता रहा है

Akhileshअपडेटेड Aug 23, 2024 पर 11:10 AM
PM Modi Visit Ukraine: यूक्रेन की राजधानी कीव पहुंचे पीएम मोदी, जेलेंस्की से होगी मुलाकात, बोले- 'भारत शांति के पुल की तरह काम करेगा'
PM Modi in Ukraine: पीएम मोदी ने कहा कि भारत किसी एक का पक्ष नहीं लेगा, लेकिन वह शांति के पुल की तरह काम करेगा

PM Modi Visit Ukraine: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी युद्धग्रस्त यूक्रेन की राजधानी कीव पहुंच चुके हैं। कीव में लगभग सात घंटे रुकने के दौरान पीएम मोदी यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ मुलाकात और वार्ता करेंगे। यह उम्मीद है कि बातचीत मुख्य रूप से यूक्रेन और रूस के बीच जारी संघर्ष को हल करने के तरीके तलाशने पर केंद्रित होगी। भारत ने यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की अबतक निंदा नहीं की है। वह वार्ता और कूटनीति के माध्यम से संघर्ष के समाधान की अपील करता रहा है। पिछले महीने मास्को में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अपनी शिखर वार्ता में पीएम मोदी ने कहा था कि यूक्रेन संघर्ष का समाधान युद्ध के मैदान में संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि शांति वार्ता बम और गोलियों के बीच सफल नहीं होती है।

वारसॉ की अपनी यात्रा समाप्त करने के बाद पीएम मोदी कड़ी सुरक्षा के बीच ट्रेन से यूक्रेन की राजधानी कीव की यात्रा की। इस यात्रा में उन्हें लगभग 10 घंटे लगे। यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांस के इमैनुएल मैक्रों और जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज सहित विश्व के कई नेताओं ने ट्रेन से कीव की यात्रा की है।

'भारत शांति के पुल की तरह काम करेगा'

अपनी ऐतिहासिक यात्रा से एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार (23 अगस्त) को कहा कि भारत का दृढ़ता से मानना है कि किसी भी समस्या का समाधान युद्ध के मैदान में नहीं किया जा सकता। पीएम मोदी ने कहा कि भारत क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता बहाल करने के लिए हरसंभव सहयोग देने को तैयार है। पीएम मोदी ने पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क के साथ व्यापक वार्ता करने के बाद यह बात कही। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत किसी एक पक्ष को नहीं चुनेगा, बल्कि वह शांति के पुल की तरह काम करेगा।

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