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PM-Kisan Scheme: मई से फरवरी तक 24% कम हुए किसान, जानिए लाभार्थी लिस्ट में आखिर क्यों आई कमी

PM-Kisan Scheme: पीएम किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को सालाना 6,000 रुपये मुहैया कराए जाते हैं। ये पैसे किसानों को साल भर में 3 किश्तों में मुहैया कराए जाते हैं। पिछली कई किश्तों से किसानों की संख्या में गिरावट आ रही है। मई 2022 से फरवरी 2023 तक में करीब 24 फीसदी किसान कम हो गए हैं। जानिए लाभार्थी किसानों की संख्या में आई बड़ी गिरावट की क्या है वजह

Jitendra Singhअपडेटेड Mar 15, 2023 पर 12:42 PM
PM-Kisan Scheme: मई से फरवरी तक 24% कम हुए किसान, जानिए लाभार्थी लिस्ट में आखिर क्यों आई कमी
पीएम-किसान सम्मान निधि का फायदा उठाने के लिए किसानों को कुछ शर्तों का पालन करता होता है

PM-Kisan Scheme: देश के किसानों को आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए सरकार समय-समय पर अलग-अलग योजनाएं लेकर आती है। ऐसी ही एक सरकारी योजना पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yoajana) है। इस योजना का मकसद किसानों की आमदनी दोगुना करना है। पीएम किसान योजना की शुरुआत साल 2019 में की गई थी। इस योजना के तहत अब तक किसानों को 13 किश्तों में पैसे मिल चुके हैँ। 31 मई 2022 को सरकार की ओर से जो पैसे दिए गए थे। उसमें फरवरी 2023 में 24 फीसदी की गिरावट आई है।

पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 31 मई 2022 को किसानों को 22,555 करोड़ रुपये दिए गए थे। वहीं पिछले साल 17 अक्टूबर को करीब 17,985 करोड़ रुपये पीएम किसान के तहत जारी किए गए थे। इसके बाद 27 फरवरी 2023 को पीएम किसान सम्मान निधि के तौर पर 17,107 करोड़ रुपये दिए गए। कुल मिलाकर हर किश्त में राशि में गिरावट आती गई।

किसानों की संख्या में आई गिरावट

वहीं अगर किसानों के बारे में बात करें तो पिछले साल मई में 11 वीं किश्त के दौरान 11.27 करोड़ किसानों को फायदा हुआ था। जबकि फरवरी 2023 में 13 वीं किश्त में 8.54 करोड़ किसानों को फायदा मिला। कुल मिलाकर किसानों की संख्या में भी गिरावट देखने को मिली है। इसकी वजह ये है कि जमीन और लाभार्थियों के रिकॉर्ड सेंट्रल डेटाबेस में अपडेट नहीं हुआ। बता दें कि किसानों और जमीनों का रिकॉर्ड सेंट्रल डेटाबेस में अपडेट होना जरूरी है। सरकार ने पारदर्शिता लाने और फ्रॉड को कम करने के लिए यह नियम बनाया है। इस बार राज्यों सरकारों ने इस बात का पूरा ध्यान रखा है। जिसकी वजह से किसानों की संख्या में कमी आई है।

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