KFS Rule: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लोन एग्रीमेंट में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए सभी रिटेल और माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (MSME) टर्म लोन लेने वाले कर्जदारों के लिए KFS की एप्लीकेबिलिटी को बढ़ा दिया है। आरबीआई ने फैसला किया है कि रिटेल और MSME लोन लेने वालों को अब अपने लोन एग्रीमेंट के साथ एक 'की फैक्ट स्टेटमेंट' यानी केएफएस मिलेगा। केएफएस एक सिंपल और ईजी भाषा में लोन एग्रीमेंट के मेन प्वॉइंट्स को समझाने वाला एक स्टैंडर्डाइस्ड फॉरमेट है। जो कर्जदारों को दिया जाता है। ये स्टेटमेंट अब अधिक सिंपल लैंग्वेज में होगा, जिससे लोन लेने वाले लोगों को अपने लोन के बारे में महत्वपूर्ण डिटेल्स समझना आसान हो जाएगा।