Get App

UPI यूजर्स ध्यान दें! डिजिटल पेमेंट में कहीं हो न जाएं फ्रॉड के शिकार, बचने के लिए इन बातों का रखें ख्‍याल

UPI Fraud: यूपीआई आज सबसे लोकप्रिय पेमेंट तरीका बन गया है, लेकिन इसके साथ ही फ्रॉड के मामले भी बढ़ रहे हैं। साइबर अपराधी अलग-अलग तरीकों से लोगों को ठग रहे हैं। आइए जानते हैं किन तरीकों से सबसे ज्यादा साइबर फ्रॉड हो रहे हैं और आप इनसे कैसे बच सकते हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 24, 2025 पर 12:21 PM
UPI यूजर्स ध्यान दें! डिजिटल पेमेंट में कहीं हो न जाएं फ्रॉड के शिकार, बचने के लिए इन बातों का रखें ख्‍याल
UPI fraud: एक तरफ ऑनलाइन पेमेंट को आसान कर दिया है तो वहीं दूसरी तरफ इससे फ्रॉड होने का खतरा बना रहता है (Photo Credit: Canva)

UPI Fraud: भारत में यूपीआई अब लोगों की जरूरत बन गई है लेकिन इसके साथ धोखाधड़ी के मामले भी बढ़ रहे हैं। एनपीसीआई के अनुसार, इस साल जनवरी में यूपीआई से 16.99 अरब लेनदेन हुआ, जिसकी कुल कीमत 23.48 लाख करोड़ रुपये रही। आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, 2023-24 में बैंकिंग धोखाधड़ी के मामले 300% बढ़कर 36,075 हो गए हैं। हांलाकि, डिजिटल ट्रांजैक्शन ने सुविधाएं बढ़ाई हैं, वहीं इससे जुड़े फ्रॉड भी तेजी से बढ़ रहे हैं।

जहां एक तरफ ऑनलाइन पेमेंट को आसान कर दिया है तो वहीं दूसरी तरफ इससे फ्रॉड होने का खतरा बना रहता है। जानिए यूपीआई से जुड़े आम ठगी से कैसे अपने पैसों को बचाएं और ठगी होने पर इसकी शिकायत कहां पर करवाए।

फ्रॉड होने पर तुरंत करें शिकायत

अगर आप यूपीआई धोखाधड़ी के शिकार हो जाते हैं तो तुरंत कार्रवाई करना जरूरी है। 24 घंटे के अंदर साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें। जितनी जल्दी रिपोर्ट करेंगे पैसे वापस मिलने की चांस उतना ज्यादा होता है। साथ ही अपने बैंक और एनपीसीआई को भी सूचित करें। कुछ मामलों में अगर समय पर शिकायत दर्ज की जाती है तो बैंक नुकसान की भरपाई कर सकता है।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें