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Credit Reporting Rules: कैसे बनता है आपका क्रेडिट स्कोर, कहां से आता है डेटा?

क्या आपने कभी सोचा है कि बैंक को कैसे पता चलता है कि आपने EMI चुकाई या नहीं? आपकी क्रेडिट रिपोर्ट हर छोटे-बड़े ट्रांजैक्शन की कहानी कहती है। जानिए ये रिपोर्ट कैसे बनती है, कौन डेटा भेजता है, और इसका आपके लोन पर क्या असर पड़ता है।

Suneel Kumarअपडेटेड May 22, 2025 पर 5:24 PM
Credit Reporting Rules: कैसे बनता है आपका क्रेडिट स्कोर, कहां से आता है डेटा?
अब हर उधारकर्ता का डेटा सरकारी ID (PAN, पासपोर्ट, वोटर ID आदि) से लिंक रहता है।

New credit reporting rules: बैंक या वित्तीय संस्थान कर्ज देने के लिए जो पहली चीज देखते हैं, वो है आपकी क्रेडिट रिपोर्ट और क्रेडिट स्कोर। लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर बैंक को कैसे पता चल जाता है कि आप पर कितने लोन चल रहे हैं, आपने EMI समय पर भरी है या नहीं, आपने किसी लोन पर डिफॉल्ट किया या नहीं। इसका जवाब है भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का क्रेडिट रिपोर्टिंग सिस्टम

 RBI देश की क्रेडिट रिपोर्टिंग सिस्टम को अधिक पारदर्शी और सटीक बनाने के लिए लगातार काम कर रहा है। इसके लिए ‘क्रेडिट इंफॉर्मेशन रिपोर्टिंग डायरेक्शंस, 2025’ जारी किया गया है। इन दिशा-निर्देशों के तहत बैंकों और वित्तीय संस्थानों को अब उधारकर्ताओं की जानकारी हर महीने दो बार क्रेडिट ब्यूरो को अनिवार्य रूप से भेजनी होगी, 7 और 22 तारीख तक।

MicroSave Consulting में BFSI लीड शुभा भानु का कहना है कि फ्रीक्वेंट अपडेट से डेटा में ब्लाइंड स्पॉट कम होगा और उधारी से जुड़े फैसले अधिक जिम्मेदारीपूर्ण बनेंगे। आइए जानते हैं कि आपकी क्रेडिट रिपोर्ट कैसे तैयार होती है और नए क्रेडिट रिपोर्टिंग सिस्टम का क्या असर हुआ है।

नए क्रेडिट रिपोर्टिंग सिस्टम का असर

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