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क्या यह डेट म्यूचुअल फंडों में निवेश करने का सही वक्त है? जानिए एक्सपर्ट्स के जवाब

RBI ने 8 अगस्त को अपनी मॉनेटरी पॉलिसी में इंटरेस्ट रेट में बदलाव नहीं किया। यह केंद्रीय बैंक की 9वीं मॉनेटरी पॉलिसी थी, जब उसने रेपो रेट को मौजूदा 6.5 फीसदी के स्तर पर बनाए रखा। अगर मानसून की बारिश अच्छी रहती है और फूड की कीमतें काबू में आ जाती है तो इस साल के अंत तक आरबीआई इंटरेस्ट रेट घटा सकता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Aug 09, 2024 पर 6:18 PM
क्या यह डेट म्यूचुअल फंडों में निवेश करने का सही वक्त है? जानिए एक्सपर्ट्स के जवाब
आरबीआई ने जिस दिन मॉनेटरी पॉलिसी पेश की, उस दिन यील्ड 6.88-6.86 फीसदी के बीच थी। सितंबर के बाद यील्ड के गिरकर 6.75 फीसदी पर आ जाने की उम्मीद है।

आरबीआई ने लगातार अपनी 9वीं मॉनेटरी पॉलिसी में इंटरेस्ट रेट में बदलाव नहीं किया। अभी रेपो रेट 6.5 फीसदी है। रेपो रेट में बदलाव नहीं होने से बैंकों ने होम लोन और दूसरे लोन के इंटरेस्ट रेट में कमी नहीं की है। दरअसल, बैंक लोन का इंटरेस्ट रेट तय करने के लिए रेपो रेट को बेंचमार्क के रूप में इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, आरबीआई के इंटरेस्ट रेट में कमी करने की उम्मीद जताई जा रही है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि केंद्रीय बैंक इस साल के अंत या अगले साल की शुरुआत में रेपो रेट में कमी कर सकता है।

6.75-6.95 फीसदी रह सकती है यील्ड

आरबीआई ने 8 अगस्त को अपनी मॉनेटरी पॉलिसी (Monetary Policy) पेश की। इसके बाद 10 साल के बॉन्ड (Bond) की यील्ड  बढ़कर 6.9 फीसदी हो गई। कोटक महिंद्रा एएमसी के सीआईओ (डेट) दीपक अग्रवाल का मानना है कि आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी में इस फाइनेंशियल ईयर की दूसरी छमाही में नरमी देखने को मिल सकती है। उन्होंने कहा कि मॉनेटरी पॉलिसी पर बॉन्ड बाजार ने ज्यादा प्रतिक्रिया नहीं दिखाई। यील्ड के 6.75-6.95 फीसदी के बीच रहने की उम्मीद है।

आगे यील्ड में गिरावट की संभावना

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