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क्या आप ऐप पर फटाफट लोन लेने के बारे में सोच रहे हैं? इन कंपनियों की हकीकत जानकर चौंक जाएंगे

Digital Lending: ये कंपनियां ऐप के जरिए फटाफट लोन दे रही हैं। ये यह भी नहीं देखती कि लेने वाले व्यक्ति के पास उसे चुकाने के लिए इनकम है या नहीं। फिर इन कंपनियों के रिकवरी एजेंट लोन वसूली के नाम पर ग्राहकों के साथ बदतमीजी करते हैं। इससे परेशान कई लोगों के खुदकुशी करने तक की खबरें हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड May 23, 2022 पर 6:12 PM
क्या आप ऐप पर फटाफट लोन लेने के बारे में सोच रहे हैं? इन कंपनियों की हकीकत जानकर चौंक जाएंगे
RBI की वर्किंग ग्रुप की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल इंडिया में ऐसे फर्जी 600 लेंडिंग ऐप्स की पहचान की गई थी, जो लोगों को फटाफट लोन दे रहे थे।

ऐप पर लोन देने वाली कंपनियां फिर से लोगों की मजबूरी का फायदा उठा रही हैं। इस बार डिजिटल लेंडिंग (Digital Lending) के नाम पर यह खेल चल रहा है। दरअसल, कोरोना (Covid-19 Pandemic) की वजह से कई लोगों की नौकरी चली गई। कई लोग इलाज पर ज्यादा खर्च (Medical Expenditure) की वजह से कंगाल हो गए हैं। ये कंपनियां फिर से ऐसे लोगों का फायदा उठा रही हैं।

ये ऐप के जरिए फटाफट लोन दे रही हैं। ये यह भी नहीं देखती कि लेने वाले व्यक्ति के पास उसे चुकाने के लिए इनकम है या नहीं। फिर इन कंपनियों के रिकवरी एजेंट लोन वसूली के नाम पर ग्राहकों के साथ बदतमीजी करते हैं। इससे परेशान कई लोगों के खुदकुशी करने तक की खबरें हैं।

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संदीप कोरेगांव ने एक लेंडिंग ऐप से 5000 रुपये का लोन लिया था। पुलिस ने बताया कि कारेगांव फाइनेंशियल क्राइसिस में थे। कुछ समय बाद लोन की वसूली के लिए रिकवरी एजेंट्स उनके घर पहुंच गए। उन लोगों ने कोरेगांव के साथ बदतमीजी शुरू कर दी। यहां तक कि एक न्यूड फोटो को मॉर्फ कर उस पर कोरेगांव का चेहरा लगा दिया। फिर उसे उनके सभी कॉन्टैक्ट्स को भेज दिए। संदीप के भाई दतागुरु कोरेगांव ने मनीकंट्रोल को बताया, "रिकवरी एजेंट्स के लगातार उत्पीड़न से तंग आकर उन्होंने खुदकुशी जैसा कदम उठा लिया।"

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