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EPF: ईपीएफ के सब्सक्राइबर्स को रिटायरमेंट के बाद हर महीने मिलती है पेंशन, जानिए इसके नियम और शर्तें

रिटायर करने पर एंप्लॉयी के ईपीएस अकाउंट में जमा पैसे से हर महीने उसे पेंशन मिलती है। ईपीएस ईपीएफओ के तहत आती है। एंप्लॉयी को पेंशन तभी मिलती है जब 58 साल के होने पर वह रिटायर हो जाता है। इसके लिए शर्त यह है कि उसकी नौकरी कम से कम 10 साल की होनी चाहिए

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 19, 2025 पर 5:13 PM
EPF: ईपीएफ के सब्सक्राइबर्स को रिटायरमेंट के बाद हर महीने मिलती है पेंशन, जानिए इसके नियम और शर्तें
एंप्लॉयी की पेंशन का अमाउंट एक फॉर्मूला से तय होता है।

एंप्लॉयी प्रोविडेंट फंड के सब्सक्राइबर्स को पेंशन का बेनेफिट मिलता है। यह पेंशन एंप्लॉयीज पेंशन स्कीम (ईपीएस) के तहत मिलती है। प्राइवेट नौकरी करने वाले लोग ईपीएफ के तहत आते हैं। एंप्लॉयी के सैलरी का एक हिस्सा हर महीने उसके ईपीएफ अकाउंट में जमा होता है। एंप्लॉयर भी एंप्लॉयी के ईपीएफ अकाउंट में हर महीने बराबर अमाउंट कंट्रिब्यूट करता है। एंप्लॉयर एंप्लॉयीज की बेसिक सैलरी (प्लस डीए) का 8.33 फीसदी हर महीने ईपीएस में कंट्रिब्यूट करता है। इसकी मैक्सिमम लिमिट 15,000 रुपये है।

ईपीएस अकाउंट में जमा पैसे से मिलती है पेंशन

रिटायर करने पर एंप्लॉयी के EPS अकाउंट में जमा पैसे से हर महीने उसे पेंशन मिलती है। ईपीएस ईपीएफओ के तहत आती है। एंप्लॉयी को पेंशन तभी मिलती है जब 58 साल के होने पर वह रिटायर हो जाता है। इसके लिए शर्त यह है कि उसकी नौकरी कम से कम 10 साल की होनी चाहिए। एंप्लॉयी 50 साल की उम्र में भी पेंशन का हकदार है, लेकिन इसका अमाउंट एक्चुअल पेंशन से कम होगा। अगर कोई एंप्लॉयी 10 साल पूरे होने से पहले नौकरी छोड़ देता है तो वह मंथली पेंशन का हकदार नहीं होगा। उसके ईपीएस अकाउंट में जमा पैसा रिटायरमेंट पर उसे दे दिया जाएगा।

एक फॉर्मूला से तय होता है पेंशन अमाउंट

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